दुनिया की नंबर वन सर्च इंजन गूगल ने इस हफ्ते की शुरुआत में ही विंडोज सिक्‍योरिटी को लेकर नया खुलासा किया है. दरअसल गूगल ने माइक्रोसॉफ्ट के इनफेमस ऑपरेटिंग सिस्‍टम में सिक्‍योरिटी बग को खोज निकाला है.

अटैकर्स का डाटा पर हमला
गूगल कंपनी ने इस ओएस की सिक्योरिटी को लेकर दो बग एक्सपोज किये हैं. इनमें से पहला यह है कि, विंडोज 7 और 8.1 ओएस पर अटैकर्स की हमेशा टेढी नजर रहती है. ये अटैकर्स यूजर बनकर डाटा को डिकोड कर लेते हैं और उसका गलत यूज करते हैं. इसके अलावा एप और कम्यूनिकेशन सर्विस में होने वाली सेंध को लेकर भी कंपनी ने काफी कुछ बताया. फिलाल गूगल ने सभी कंपनीज को इस इश्यू को लेकर 90 दिन की डेडलाइन दी थी. हालांकि गूगल ने इसको लेकर 17 अक्टूबर को रिपोर्ट किया था. अब ऐसे में माइक्रोसॉफ्ट के लिये डेडलाइन खत्म हो चुकी है.
बड़े राइवल आये आमने-सामने
फिलहाल इस स्थिति को लेकर दुनिया की दो बड़ी कंपजीन एक-दूसरे के साथ रफ गेम खेलने लगी हैं. हालांकि यह दोनों मार्केट की मांग को लेकर टफ कंपटीशन करने को आतुर हैं. अब ऐसे में इसका सीधा असर यूजर्स पर पड़ रहा है. गूगल द्वारा विंडोज 8.1 बग को पब्लिकली एक्सपोज करने पर माइक्रोसाफ्ट के साथ-साथ यूजर्स भी काफी चिंतित हो गये हैं. माइक्रोसॉफ्ट के सिक्योरिटी चीफ क्रिस बेज का कहना है कि, 'गूगल ने जो भी किया बहुत गल किया, उन्हें इस तरह से पब्लिकली एक्सपोज करने से बचना चाहिये था. इसको लेकर कुछ प्रिंसिपल होते हैं, लेकिन गूगल ने ऐसा डिसीजन लिया जो इसके अपोजिट था. इसे देखकर यह कहा जा सकता है कि गूगल हमारे साथ रफ गेम खेल रहा है.' इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट के सिक्योरिटी रिस्पांस सेंटर का कहना है कि, 'हम गूगल से अपने कस्टमर्स की सुरक्षा को लेकर बातचीत करेंगे. इसके बाद गूगल को डिस्क्लोजर की टाइमलाइन को लेकर एनाउंस करना चाहिये.'

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari