RANCHI:अपनी तरह का अनोखा सर्वधर्म सामूहिक विवाह लोगों के लिए यादगार बन गया। इनमें शामिल जोड़ों में कोई हिंदू था, तो कोई मुस्लिम, कोई आदिवासी समाज से था तो कोई इसाई। कुछ अलग-अलग धर्म को मानने वाले जोड़े भी एक बंधन में बंध रहे थे। इनमें काजी शोएक साहा, पाहन जोहन केरकेट्टा, पादरी सुमित टोप्पो और पंडित ने हर जोड़े का विवाह उनके धर्म के हिसाब से कराया। फिर सर्वधर्म के तहत उन्हें एकता और आपसी भाईचारे की कसमें खिलाई गई। इस्लाम संघर्ष मोर्चा की ओर से सभी जोड़े को घरेलू जरुरत के सामान तोहफे के रूप में दिए गए, वहीं हिंदू जोड़े को गीता, मुस्लिम जोड़े को कुरान-ए-पाक और क्रिश्चियन जोड़े को बाइबल भेंट किया गया। उनके धर्मग्रंथ के साथ उन्हें आगे भी हर किसी की मदद के लिए प्रेरित किया गया।

साल भर पहले तय रिश्ते को मिला मुकाम

गुमला के रहने वाले घुरन लोहरा और सीता कुजूर की शादी एक साल पहले ही तय हो गई थी। लेकिन आर्थिक तंगी के कारण दोनों की शादी करने में घरवाले असमर्थ थे। सर्वे के जरिए दोनों के परिवार का पता इस्लाम संघर्ष मोर्चा को चला। इसके बाद उन्हें सामूहिक विवाह के लिए राजी कराया गया।

नौकरी सरकार की है, पर शादी मर्जी से ही

विवाह समारोह में एक जोड़ा ऐसा भी शामिल हुआ, जो अपनी शादी पर भी सरकार को कोस रहा था। अरगोड़ा के सुरेश नगेसिया जो पेशे से कुली हैं, कहते हैं कि सरकार के पास हमारे लिए नौकरी नहीं है। ऐसे में हम हमेशा गरीब ही रह जाएंगे। हमारे सपने कभी पूरे नहीं होंगे। वह कहते हैं-हमारे पास सरकारी नौकरी नहीं है, लेकिन शादी तो अपनी मर्जी से कर ही सकते हैं। सुरेश का विवाह मीना देवी के साथ हुआ, जो लोगों के घर में दाई का काम करती हैं। वह कहती हैं आम लड़कियों की तरह मेरे भी कुछ सपने हैं, जिसे पूरा करना चाहती हूं।

Posted By: Inextlive