प्रधानमंत्री मोदी का पुरजोर तरीके से विरोध करने के लिए मशहूर कन्‍नड़ लेखक अनंतमूर्ती का निधन हो गया है. ज्ञानपीठ अवार्ड से सम्‍मानित अनंतमूर्ती की उम्र 82 वर्ष थी और किडनी फेल होने की वजह से उनको बचाया नही जा सका.


कई सालों से थे डायलिसिस परपीएम मोदी की घोर निंदा करने वाले लेखक श्री अनंतमूर्ती का निधन बंगलुरू में हो गया है. वह पिछले कई सालों से डायलिसिस पर चल रहे थे. कुछ दिनों पहले वह इंफेक्शन और फीवर के इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे. मनिपाल हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने मल्टी-मॉनिटर सपोर्ट के जरिए जिंदा रखा हुआ था लेकिन उनकी किडनी फेल होने पर बचाना मुश्किल हो गया. इस बारे में हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर और मेडिकल एडवाइजरी बोर्ड के चेयरमैन एच सुदर्शन बल्लाल ने इस अतिसम्मानित लेखक के डायलिसिस पर होने की सूचना दी. पीएम मोदी ने भेजी संवेदनाएं


अपने धुर विरोधी श्री अनंतमूर्ती के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने शोक व्यक्त किया है. मोदी ने कहा कि अति सम्मानीय अनंतमूर्ती के निधन से पूरे कन्नड़ साहित्य के लिए क्षति है. इसके साथ ही मोदी ने कहा कि उनकी संवेदनाएं उनके साथ हैं और वे इस संकट की घड़ी में इस लेखक के परिवारवालों के साथ मिलकर उनकी आत्मा की शांति की कामना करता हूं. कौन थे अनंतमूर्ती

कन्नड़ साहित्य में नई आवाज के रूप में मशहूर लेखक अनंतमूर्ती का जन्म साल 1932 में कर्नाटक के शिमोगा में हुआ था. इसके बाद 1965 में अपने उपन्यास संस्कार से देश ने जाति व्यवस्था पर अच्छी खासी बहस शुरू कर दी है. इस लेखक को वर्ष 1994 में ज्ञानपीठ अवार्ड मिलने के बाद इंडियन गवर्नमेंट ने पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया. गौरतलब है कि पिछले साल वह बुकर प्राइज मिलने के काफी करीब तक पहुंच गए थे.

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Posted By: Prabha Punj Mishra