इराक में आईएसआईएस के बढ़ते खतरे के बीच राजनैतिक संकट भी गहराता जा रहा है. इराकी प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी और राष्‍ट्रपति फौद मासूम के बीच सत्ता संघर्ष अपने चरम पर है.


सरकारी टीवी की खबर को कोर्ट ने नकाराइराक में सरकारी न्यूज चैनल ने इस बात की खबर दी थी कि इराकी कोर्ट ने प्रधानमंत्री मलिकी के हक में अपना फैसला सुनाया है. लेकिन कुछ समय बाद कोर्ट ने ऐसे किसी फैसले को सुनाने से इंकार कर दिया. गौरतलब है कि नूर अल मलिकी तीसरी बार सरकार बनाने की जुगत में लगे हुए हैं. अपने आठ साल के कार्यकाल में मलिकी ने सरकार की सारी शक्ति को अपने हाथों में रखा है. इसके साथ ही मलिकी को सुन्नी समुदाय के गुस्से को भड़काने के लिए भी जिम्मेदार माना जा रहा है. हैदर अल आब्दी बने नए प्रधानमंत्री
इसी बीच इराकी प्रेसीडेंट फौद मासूम ने इराकी संसद के स्पीकर हैदर अल आब्दी को इराक का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. आब्दी इराकी संसद में प्रमुख शिया गुटों के प्रतिनिधि हैं. इस बारे में नूर अल मलिकी का कहना है कि आब्दी का अपॉइंटमेंट लीगली इनवेलिड है. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी पब्लिक स्पीच में आब्दी के चुनाव को एक सही कदम बताया है. अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने आब्दी को कहा है कि वह जितनी जल्दी हो सके अपनी सरकार बनाएं. अमेरिका ने कहा है कि वह नई सरकार बनने की स्थिति में इराक को आईएसआईएस से लड़ने में दी जाने वाली मदद को बढ़ाने पर विचार कर सकता है. मलिकी समर्थक सेनाएं सड़क परइराकी अधिकारियों के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी को समर्थन देने वाली सेनाएं बगदाद की सड़कों पर समर्थन कर रही हैं. इराकी सेना के टेंक ग्रीन जोन के बाहर खड़े हैं. इसके साथ ही आईएसआईएस की सेनाएं बगदाद के नॉर्थ-ईस्टर्न शहर जलावला पर कब्जा कर चुकी हैं.

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Posted By: Prabha Punj Mishra