देश में शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर लंबे समय से बहस जारी है. पिछले साल केंद्र में नई सरकार बनने के बाद से लोगों को इस स्थि‍ति में बदलाव आने की उम्मीज है. इस दिशा में मोदी सरकार कितना आगे यह जानने की कोशिश की inextlive ने. आइए जानें उत्‍तर प्रदेश उत्‍तराखंड बिहार व झारखंड के 12 मिनी मेट्रोज में रहने वाले इस बारे में क्या सोचते हैं.

अपने एक साल के शासन के दौरान मोदी सरकार का जोर रोजगारोन्मुखी शिक्षा और कौशल विकास पर रहा है. सरकार के कदमों का शिक्षा क्षेत्र में कितना असर हुआ है या अभी कहना मुश्किल है. सरकार के एक साल के कामकाज पर लोगों की राय जानने निकली inextlive.com की टीम ने सर्वे के दौरान समाज के विभिन्न वर्गों से  शिक्षा के स्तर में आए बदलाव के बारे में सवाल किए. जिसके बाद यह तस्वीर निकलकर सामने आई.

सरकार काम कर रही है

ज्यादातर लोगों का मानना है कि सरकार इस दिशा में काम कर रही है और आने वाले दिनों में इसका असर दिखना चाहिए. हालांकि 29 प्रतिशत लोगों की राय में सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले साल में शिक्षा क्षेत्र की अनदेखी की है. 34 प्रतिशत का मानना है कि सरकार काम कर रही है. वहीं 20 प्रतिशत मानते हैं कि पहले ही साल सुधार के लक्षण दिखने शुरू हो गए हैं. जिन लोगों को लगता है कि शिक्षा के स्तर को लेकर ज्यादा काम नहीं हुआ है उनमें प्रोफेशनल्स, गृहिणियां व पोस्ट ग्रेजुएट शामिल हैं. जबकि 39 प्रतिशत बिजनेसमैन व 38 प्रतिशत स्टूडेंट्स मानते हैं कि इस दिशा में काम हो रहा है.

महिलाओं व पुरुषों की राय में अंतर
महंगाई की तरह यहां भी पुरुषों व महिलाओं की राय में अंतर साफ नजर आता है. साथ ही शिक्षा के स्तर के साथ भी इसमें फर्क दिखता है. जहां 36 प्रतिशत पुरुष मानते हैं कि सरकार शिक्षा क्षेत्र में बदलाव को लेकर गंभीर है वहीं सर्वे में शामिल महिलाओं में से 31 प्रतिशत को ही ऐसा लगता है. वहीं जहां हाईस्कूल पास 45 प्रतिशत लोग मानते हैं कि सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है. 30 प्रतिशत पोस्ट ग्रेजुएट ही ऐसा मानते हैं.
Infographic: People's opinion about quality of education during one year of Narendra Modi led NDA government

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<a href="http://polldaddy.com/poll/8874242/" mce_href="http://polldaddy.com/poll/8874242/">क्या मोदी सरकार के एक साल के दौरान शिक्षा का स्‍तर सुधरा है?</a>


नोट: सर्वे के परिणाम मोदी सरकार के कामकाज पर चार राज्यों (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार व झारखंड) के 12 शहरों (कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर, बरेली, आगरा, मेरठ, देहरादून, पटना, रांची व जमशेदपुर) के लोगों की राय पर आधारित हैं.
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Posted By: Mayank Kumar Shukla