लाइफ स्टाइल पर करिए अटेंशन, मुश्किल में न डाल दे हाइपरटेंशन

व‌र्ल्ड हाइपरटेंशन डे स्पेशल

-साइलेंट किलर है हाइपरटेंशन

- बेहतर लाइफ स्टाइल ही दिला सकती है इस रोग से छुटकारा

- तेजी से बढ़ रहे हैं मरीज, बढ़ जाते हैं हार्ट अटैक के चांसेज

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ALLAHABAD: भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हम अपनी सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं. न खाने-पीने का टाइम, न सोने-उठने का कोई नियत समय, ऊपर से जमाने भर की टेंशन, नतीजा कई तरह के रोगों को न्योता. जी हां, बदली लाइफ स्टाइल की वजह से पता नहीं कब हमारी हंसती-खेलती जिंदगी पर हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर का खतरा मंडराने लगे. दबे पांव कब यह दस्तक दे दे. तो वक्त रहते अपनी लाइफ स्टाइल बदलिए और अपनी सेहत पर अटेंशन करिए. डॉक्टर्स की मानें तो हाई बीपी एक साइलेंट किलर की तरह है जो धीरे-धीरे मरीज को मौत की ओर ले जाता है.

खतरनाक हो सकता है अत्यधिक तनाव

हाइपरटेंशन के बढ़ते मामलों का सबसे बड़ा कारण लाइफ स्टाइल में होने वाला बदलाव है. जरूरत से ज्यादा मेंटल और फिजिकल लेबर करना खतरनाक साइन है. इसके अलावा जरूरत से कम नींद लेने वालों को भी हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत हो सकती है. डॉक्टर्स का कहना है कि पहले चालीस साल से अधिक एज वालों को इसकी शिकायत होती थी लेकिन अब एज फैक्टर तेजी से घट रहा है. कम उम्र में ही लोग जरूरत से ज्यादा तनाव भरी जिंदगी जी रहे हैं.

तंबाकू, सिगरेट और शराब से बचकर रहना

तनाव भरी जिंदगी में स्ट्रेस कम करने के लिए लोग नशे का सहारा लेते हैं. खासकर यंगस्टर्स में तंबाकू, सिगरेट और शराब के सेवन की अधिकता देखी जा रही है. इसकी वजह से शरीर के विभिन्न हिस्सों में खून पहुंचाने वाली धमनियों में कोलेस्ट्राल इकट्ठा होने लगता है जो खून के संचार को बाधित करता है. इसकी वजह से मरीज हाइपरटेंशन की चपेट में आ जाता है.

एग्जाम्पल ही काफी हैं..

केस नंबर वन- मालवीय नगर के रहने वाले संदीप एक फॉर्मा कंपनी में सीनियर एमआर हैं. सुबह से शाम तक डॉक्टर्स की कॉल अटेंड करने और तनाव कम करने के लिए चेन स्मोकिंग उनको भारी पड़ गई. उनका हाइपरटेंशन का इलाज चल रहा है.

केस नंबर दो- बेनीगंज के रहने वाले मो. एहसान ऑटोमोबाइल कंपनी में फील्ड सुपरवाइजर हैं. कुछ दिन पहले सीने में दर्द होने पर उन्होंने डॉक्टर को दिखाया तो हाईबीपी की शिकायत सामने आ गई. फिलहाल उनका इलाज चल रहा है.

केस नंबर तीन- सिविल लाइंस की सुनीता सिंह हाउस वाइफ हैं.मोटापा अधिक होने की वजह से उनको सांस फूलने की शिकायत थी. कुछ दिन पहले डॉक्टर ने बताया कि वह हाई ब्लड प्रेशर की मरीज हैं. वह मोटापा कम करने के लिए एक्सरसाइज का सहारा ले रही हैं.

क्या है हाई ब्लड प्रेशर

धमनियों की दीवारें मोटी और संकुचित हो जाने पर खून के संचार में रुकावट आती है. जिससे दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है. इसे हाईबीपी कहते हैं.

इनको है ज्यादा खतरा

- चालीस साल से अधिक एज वाले व्यक्ति

- धूम्रपान और शराब का सेवन

- तनाव अधिक और नींद कम लेने वाले

- फैमिली में किसी को पहले से हो

- दिनभर में पांच ग्राम से अधिक नमक का सेवन करना

- शुगर, थायरायड, किडनी, लीवर, ट्यूमर आदि के मरीज

लक्षण

- थकान की शिकायत

- सांस फूलना, तेज सिरदर्द

- कानों में किसी की आवाज गूंजना

- सीने में दर्द उठना

- घबराहट

ऐसे करें बचाव

- सेहतमंद लाइफ स्टाइल

- सही समय पर खाना

- पौष्टिक खाना

- फिजिकल एक्सरसाइज एंड वाकिंग

- रीडिंग, गार्डेनिंग

- पेट्स पालना

- म्यूजिक सुनना, डांस करना

- पॉजिटिव थिंकिंग व मुस्कुराते रहना

- कैल्शियम व पोटैशियम वाली डाइट लेना

फैक्ट फाइल

किन्ही कारणों से जब बॉडी में कोलेस्ट्राल की मात्रा बढ़ जाती है तो व्यक्ति को हाइपरटेंशन की शिकायत होने लगती है. ऐसे मरीजों को शुरुआत में पता नहीं लगता लेकिन बाद में दिक्कतें सामने आने लगती हैं. इसकी वजह से गुर्दे खराब होने, अपंगता की शिकायत हो सकती है. सीरियस मरीज की मौत होने की आशंका बढ़ जाती है.

डॉ. मनोज माथुर, फिजीशियन

लोगों को अपना ब्लड प्रेशर टाइमली चेक कराना चाहिए. इसका रिकार्ड जरूर मेंटेन रखना चाहिए. इससे पता चलता है कि उनको हाइपरटेंशन की शिकायत कब से शुरू हुई. अगर हाई बीपी के चलते हार्ट फेल्योर होता है तो इसका असर रेस्पेरेटरी सिस्टम पर पड़ता है. इससे फेफड़ों में सूजन आने के चांसेज बढ़ जाते हैं.

डॉ. आशुतोष गुप्ता, टीबी एंड चेस्ट स्पेशलिस्ट

- हाई ब्लड प्रेशर के 26 फीसदी मरीज हैं

-10 से 15 फीसदी मौतों के कारणों में हाई बीपी का अहम रोल रहता है

ऐसे नापें अपना ब्लड प्रेशर

- अगर किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 1200/80 है तो इसे सामान्य कहा जाएगा. इसे ऊपर और नीचे का दबाव कहा जाता है. सामान्य से अधिक होना हाई बीपी का लक्षण है.

-ब्लड प्रेशर क्ब्0/90 है तो इसे हाई लेवल कहा जाएगा

- अपनी रीडिंग का नियमित रिकार्ड रखें.

- हर दो मिनट बाद दो या तीन बार नोट करें. इसके बाद औसत निकालें.

- बीपी जांच के दौरान चिंताग्रस्त व व्याकुल न हों. इससे बीपी बढ़ा हुआ आ सकता है. गरिष्ठ भोजन या काफी-सिगरेट पीने के बाद बीपी की जांच न कराएं.

-प्रेगनेंट लेडीज को में सूजन, आंखों के आगे अंधेरा छाना, चक्कर आना, बेचैनी-घबराहट जैसी परेशानियां हाई बीपी की वजह से हो सकती हैं. ऐसे में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

वर्जन..

Posted By: Vijay Pandey