PATNA: दवा कारोबारी अनिल कुमार अग्रवाल की दिनदहाड़े की गई हत्या का राज पुलिस की तीसरी आंख ने खोल दिया है। क्योंकि सीसीटीवी और एएनपीआर कैमरा नहीं होता तो पटना पुलिस के लिए घटना का खुलासा करना आसान भी नहीं होता। पुलिस का दावा है कि घटना लूट के कारण हुई लेकिन अपराधी अभी तक कई रहस्य जुबान तक नहीं लाए हैं। इसलिए पुलिस का यह भी कहना है कि वह भविष्य में इस मामले में और बड़ा खुलासा कर सकती है। पुलिस के हाथ लगे चार अपराधियों में एक के खिलाफ पूर्व में भी कई अभियोग दर्ज हैं। यह गिरोह चोरी की बाइकों का इस्तेमाल अपराधिक घटनाओं के लिए करता है। घटना में प्रयुक्त बाइक असलहा बैग और हेलमेट पुलिस ने बरामद कर लिया है। यह भी बताया कि अपराधियों ने घटना को अंजाम देने के लिए कई दिनों तक रेकी की थी और कोई सबूत नहीं छोड़ा था।

- घटना के बाद हाजीपुर में लिए शरण

पुलिस के मुताबिक पीरबहोर थाना क्षेत्र के दवा कारोबारी अनिल कुमार अग्रवाल को लूटने के लिए के लिए कई दिन पहले योजना बनी थी। तीन माह से बदमाश पटना में रेकी कर रहे थे। घटना के दिन भी सुबह से कई बार अपराधियों ने रेकी की थी और तय समय पर घटना को अंजाम दिया। घटना में म् बदमाशों का नाम आया है जिसमें से दो राज्य से बाहर के बताए जा रहे हैं। पुलिस ने जिन चार बदमाशों को पकड़ा है उसमें जितेंद्र और रुपेश वैशाली के कुनहार के रहने वाले हैं जबकि आकाश उर्फ छोटू और चंदन कुमार पटना के ही हैं। फरार बदमाश राकेश और मुकेश की तलाश हो रही है। पुलिस के मुताबिक घटना के बाद बदमाश बाइक से हाजीपुर फरार हो गए थे और वहीं शरण लिए हुए थे।

- तीसरी आंख से ऐसे मिली सफलता

गुरुवार को घटना का खुलासा करते हुए एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि यह पटना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी क्योंकि यह ब्लाइंड मर्डर था। सीसीटीवी फुटेज देख पुलिस के होश उड़े थे, क्योंकि अपराधियों की उम्र काफी कम थी। एसएसपी ने इसके लिए बड़ी टीम बनाई थी जिसमें क्म् अफसर और लगभग एक दर्जन जवान लगाए गए थे। इसमें पटना पुलिस के डायल क्00 के कर्मचारियों की भूमिका काफी अहम रही।

- हाईटेक पुलिसिंग का फिर मिला लाभ

पटना पुलिस को राजधानी में लगभग क्00 से अधिक सीसी कैमरों और अधिक संख्या में लगे एएनपीआर कैमरों का लाभ मिला है। इन कैमरों की नजर अपराधियों पर नहीं पड़ी होती तो शायद पटना पुलिस इस घटना का खुलासा इतनी तेजी से नहीं कर पाती। पुलिस ने यह खुलासा आधुनिक संसाधनों के सहारे ही किया है।

- ऐसे हुआ खुलासा

घटना स्थल पर एक प्राइवेट सीसीटीवी कैमरा लगा था। जिसने बदमाशों की करतूतों को कैद कर लिया। पुलिस को इस सीसीटीवी के फुटेज से कुछ क्लू मिला तो वह शहर के विभिन्न इलाकों में लगे कैमरों की फुटेज को खंगाल डाली। सीसीटीवी फुटेज से अपराधी का चेहरा तो स्पष्ट हो गया लेकिन पहचान नहीं हो पाई। इसके लिए एएनपीआर कैमरों की मदद ली गई। एएनपीआर कैमरे से गाड़ी का नम्बर प्लेट ट्रेस हो गया इसके बाद जब पुलिस ने पड़ताल शुरू किया तो परत दर परत गुत्थी सुलझती गई।

सवाल - कहीं पुलिस को उलझा तो नहीं रहे बदमाश

पुलिस ने घटना का खुलासा कर दिया है और चार बदमाशों को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त असलहा बाइक व अन्य सामान बरामद कर लिया है। फरार दो बदमाशों की तलाश भी कर रही है। लेकिन अभी अनिल को मारने का उद्देश्य स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। पुलिस का दावा है कि घटना का उद्देश्य सिर्फ लूट करना ही था लेकिन यह जवाब हजम नहीं हो रहा है। यदि बदमाशों का उद्देश्य लूट करना ही था तो वह कैश बाक्स में रखे पांच लाख रुपया क्यों नहीं ले गए? इतना ही नहीं लूट का मामला होता तो वह पहला अटैक कैश पर करते? बदमाशों ने घुसते ही गोली क्यों मार दी यह बड़ा सवाल है। अगर लूट के लिए दहशत फैलाने का उद्देश्य होता तो चार गोली क्यों मारते? ऐसे कई सवाल हैं जो पुलिस को भी उलझा रही है। हालांकि पुलिस अधिकारी भी मान रहे हैं कि अपराधी अभी बहुत कुछ जुबान पर नहीं ला रहे हैं। इसीलिए एसएसपी का भी दावा करते हैं कि आने वाले दिनों में बड़ा खुलासा हो सकता है।

हाईलाटस

क्क् अप्रैल को हुई थी अनिल अग्रवाल की हत्या।

9.ख्0 पर दुकान में घुसकर मारी थी गोली।

ब् गोली मारने के बाद बदमाश हुए थे फरार।

फ्0 घंटा तक लगातार देखा गया सीसी टीवी कैमरे का फुटेज।

म्0 घंटा में पुलिस ने कर दिया खुलासा।

ब् अपराधी गिरफ्तार।

ख् अपराधियों की चल रही तलाश।

क्म् अधिकारियों की टीम खुलासे में थी लगी

ख्0क्0 के विधानसभा चुनाव में बदमाश छोटू ने दानापुर में किया था बलास्ट

अनिल की हत्या का म्0 घंटा में खुलासा कर लिया गया है। घटना लूट के लिए की गई है। चार गिरफ्तार हैं और दो की तलाश में छापेमारी चल रही है।

- मनु महाराज, एसएसपी पटना

Posted By: Inextlive