मराठा समुदाय को शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 16 फीसद आरक्षण देने वाला विधेयक कल महाराष्ट्र विधानसभा में पारित हो गया. हालांकि मुस्लिमों को आरक्षण का लाभ दिए जाने से अलग रखा गया जिसका विपक्ष ने कड़ा विरोध किया.पूर्व की कांग्रेस-राकांपा सरकार ने मराठा समुदाय को 16 फीसद और मुस्लिमों को पांच फीसद आरक्षण देने की घोषणा की थी.


विरोध में अड़ा रहा विपक्षहालांकि बांबे हाई कोर्ट ने इसका विरोध करने वाली एक याचिका की सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई तक सरकार के इस फैसले के खिलाफ रोक लगा दी थी. कांग्रेस, राकांपा, सपा और एमआइएम समेत पूरे विपक्ष ने विधानसभा में कल मंगलवार को मुस्लिमों को भी आरक्षण देने की मांग की. सदन को 15-15 मिनट के लिए तीन बार स्थगित करना पड़ा, लेकिन विपक्ष विरोध पर अड़ा रहा और अंत में विपक्षी विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया.शीत सत्र का अंतिम दिन
विपक्ष के नेताओं ने कहा कि वह बुधवार को भी सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेंगे. बुधवार को विधानसभा के शीत सत्र का अंतिम दिन है. इससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने मराठा आरक्षण का विधेयक सदन में रखा. सत्तासीन शिवसेना-भाजपा गठबंधन ने इस विधेयक का बचाव किया और कहा कि वह मुस्लिमों को आरक्षण के मुद्दे पर महाधिवक्ता की राय लेंगे क्योंकि धर्म आधारित आरक्षण का प्रावधान संविधान में नहीं है.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh