2013 में यूपी के मुजफ्फरनगर में हुए दंगे को लेकर चल रहे केस में शुक्रवार को मुजफ्फरनगर की एक अदालत बड़ा फैसला सुनाते हुए शहर मे आगजनी फैलाने एवं दस वर्षीय बच्‍चे सहित एक महिला की हत्‍या के आरोपियों को बरी कर दिया है।


सबूतों के आभाव के चलते हुए मुजफ्फरनगर की एक अदालत में अपर जिला जज अरविंद कुमार उपाध्याय द्वारा सबूतों के आभाव के चलते दंगे में आरोपियों को बरी किए जाने के बाद बीजेपी में जश्न का माहौल है। ज्ञात हो कि बीजेपी के कुछ सदस्य भी इस मामले में आरोपी थे। घटना के बाद एसआईटी ने 10 लोगों को इसमें शामिल पाया था जिसके बाद अरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। सपा को देंगे मुंहतोड़ जवाब भाजपा


बीजेपी विधायक और दंगे के आरोपी सुरेश राणा ने कहा कि अदालत के इस फैसले से सच सभी के सामने आ गया है। हजारों मासूम हिंदुओं को स्थानीय प्रशासन के द्वारा सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के इशारे पर परेशान किया गया था। उन्होंने कहा कि एसपी को सबक सिखाने के लिए हम इस फैसले को आगे तक ले जाएंगे। 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों में हम एसपी को मुंह तोड़ जवाब देंगे। किसी न किसी ने तो की थी वो हत्याएं

दंगा पीडि़तो के पुनर्वास करने वाली एनजीओ अस्तित्व की निदेशिका रिहाना अदीब ने कहा कि एक बच्चे और एक महिला की हत्या हुई है। यह एक फैक्ट है। इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता है। अगर बरी किए गए लोगों ने यह नहीं किया था तो किसी और ने किया था। हम कोर्ट के फैसले को चुनौती नहीं दे सकते हैं। भारत की न्याय व्यवस्था पर हमे पूरा विश्वास है।

Posted By: Prabha Punj Mishra