वर्ल्‍ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन WTO में भारत को आखिरकार बड़ी सफलता मिल ही गई. भारत और अमेरिका के बीच खाद्य सुरक्षा पर चला आ रहा गतिरोध अब दूर हो गया है. अमेरिका ने खाद्यान्‍न के भंडारण के मुद्दे पर भारत के प्रस्‍ताव का समर्थन करने की सहमति दे दी है.

व्यापार सुगमता करार का रास्ता खुला
खाद्यान्न सुरक्षा मुद्दे पर अमेरिका का साथ मिलने से भारत को काफी सहूलियत मिल गई है. इसके जरिये WTO में व्यापार सुगमता करार (टीएफए) के कार्यान्वयन का रास्ता खुल गया है. इस मामले पर लंबी खींचतान के बाद आज भारत व अमेरिका ने भारतीय किसानों के हितों को सुरक्षित रखते हुये खाद्य-सुरक्षा के मुद्दे पर गतिरोध को दूर कर लिया है. अमेरिका ने खाद्यान्न के भंडारण के मुद्दे पर भारत के प्रस्ताव का समर्थन करने की सहमति दी है. अब इसे WTO की आम परिषद में अनुमोदन के लिये भेजा जायेगा ताकि व्यापार सुगमता करार पर सिग्नेचर हो सकें.

चिंता को देखकर अमेरिका ने दिया साथ

वाणिज्य एंव उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन ने इस सफलता की घोषणा करते हुये कहा कि भारत व अमेरिका ने WTO में खाद्य सुरक्षा के उद्देश्य से सार्वजनिक खाद्यान्न के मुद्दों पर मतभेदों को हल करने में सफलता हासिल की है. उन्होंने कहा कि इससे WTO को और अधिक सफलताओं के लिये तैयार किया जा सकेगा. इसके साथ ही सीतारमन ने भरोसा जताया कि सदस्य WTO में इस मामले को रचनात्मक भावना के साथ आगे लेकर जायेंगे. इसके अलावा उन्होंने बताया कि कई देशों को WTO में भारत के दृष्टिकोण को उचित माना है और अब अमेरिका ने भी इसकी सराहना की है. हमारी सरकार की तरफ से अपनी चिंता को बताने के बाद अमेरिका ने खुलकर सार्वजनिक खाद्यान्न भंडारण पर हमारी चिंता का समर्थन किया है.

किसानों का हित सबसे पहले

सीतारमन ने कहा कि भारत ने कभी भी व्यापार सुगमता में बाधा नहीं डाली बल्कि हम सिर्फ अपने किसानों के हितों का संरक्षण चाहते हैं. वाणिज्य मंत्री ने कहा कि WTO की आम परिषद को भारत का प्रस्ताव मिलेगा और अमेरिका हमारा समर्थन करेगा. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद भारत के रुख को लेकर अमेरिका और अनय विकसित देशों की समझ बेहतर हो पाई.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari