इंडियन पोस्ट ऑफिससेज की रिस्पांसिबिलटीज का दायरा बढ़ाने और उसके वर्क एरिया में चेंज करने के लिए बनाई गई एक कमेटी के सजेशंस के अकॉर्डिंग डिपार्टमेंट को इंश्योरेंस बैंकिंग और ई कॉमर्स जैसे फील्ड में आगे बढ़ना चाहिए.


बीजेपी गवरमेंट ने सीरियसली जाहिर किया था कि वे इंडियन पोस्टल डिपार्टमेंट में चेंज लाना चाहते है. इसके लिए फारमर कैबिनेट सेकेरट्री टीएसआर सुब्रमण्यम के अंडर में एक कमेटी फॉर्म की गयी थी जिसने विद इन थ्री मंथ अपनी रिर्पोट रेडी कर ली. थर्सडे को इसने अपनी रिर्पोट कंसर्न लोगों को हैंड ओवर कर दी. रिपोर्ट में सजेस्ट किया गया है कि इंडियन पोस्ट ऑफिसेज को इंश्योरेंस, बैंक और ई कॉमर्स की फील्ड में उतरना चाहिए. साथ ही इंडियन पोस्ट में कॉरपोरेट सेक्टर के बीच बिजनेस टू बिजनेस सर्विस देने के लिए एक नई ब्रांच फॉर्म करने का भी सजेशन दिया गया है.


इंफॉर्मेशन एण्ड ब्रॉड कास्टिंग टैक्नॉंलिजी मिनिस्टरी रविशंकर प्रसाद ने इन सजेशंस के बारे में एश्योर किया कि गवरमेंट इसे प्रॉयोरिटी पर लेगी और जल्द से जल्द डिसीजन लिया जाएगा. कमेटी ने ये भी सजेस्ट किया है कि इंडियन पोस्टल ऑफिस को पांच डिफरेंट सर्पोटिंग सब्सिडियरी में डिवाइड कर दिया जाना चाहिए. एक सब्सिडियरी पोस्ट ऑफिस का मौजूदा काम को जारी रखेगी. इसके अलावा बैंकिंग, इंश्योरेंस और  ई कॉमर्स में अलग-अलग सब्सिडियरी काम करेंगी. फिफ्थ सब्सिडियरी रूलर एरियाज में अर्बन फेसिलिटीज अवेलेबल कराने जैसी सर्विस पहुंचाने और बिजनेस टू बिजनेस सर्विसेज के लिए काम करेगी. कमेटी ने तीन सौ तरह की सर्विसेज को पिन प्वाइंट किया है जो यह सब्सिडियरी कर सकती हैं. इनमें सिर्फ डाक वाली मेन सब्सिडियरी सब्सिडी वाले मॉडल पर काम करेगी, लेकिन बाकी सारी वर्किंग प्रॉफिट के बेस पर ही होगी.

सुब्रमण्यम का कहना है कि अगर गवरमेंट उनके सजेशन के बेस पर डिसीजन लेती है तो इंडियन पोस्ट ऑफिसेज में अप्वांइंट किसी भी वर्कर के जॉब को कोई प्राब्लम नहीं होगी, बल्कि पांच लाख नयी जॉब अपॉच्युर्निटी पैदा होंगी. रूलर पब्लिक को बहुत ही तेजी से फाइनेंशियल इन्क्यूलेशन का फायदा पहुंचाया जा सकेगा. बैंकिंग से जुड़ी सब्सिडियरी का नाम पोस्ट बैंक ऑफ इंडिया (भारतीय डाक बैंक) रखा जा सकता है. यह बैंक हर तरह की बैंकिंग सर्विस देगा. इसी तरह से इंश्योररेंस की फील्ड में फॉर्म कंपनी लाइफ इंश्योरेंस, क्रॉप इंश्योंरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस की फेसेलिटी दे सकती है. चूंकि ई-कॉमर्स इंडिया में तेजी से ग्रो हो रहा है, इसलिए इंडियन पोस्ट को इसका प्राफिट लेने के लिए रेडी रहना चाहिए. पूरी कंट्री में 1.50 लाख से ज्यादा पोस्ट ऑफिस हैं जो इन फील्ड्स में बैक बोन का काम कर सकते हैं. इंडियन पोस्ट जहां रेवेन्यु में ईयरली 48 परसेंट बढ़ रहा है, वहीं खर्चे में 78 परसेंट का इजाफा हो रहा है. जिससे सारी सर्विसेज में घाटे का सामना करना पड़ रहा है

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Posted By: Molly Seth