फिर चढ़ी प्याज की मार्केट, दस से बीस रुपए महंगा हुआ प्याज

आवक कम और डिमांड अधिक होने से शुरू हुई समस्या

ALLAHABAD: प्याज की चढ़ी मार्केट ने एक बार फिर लोगों के आंसू निकालने शुरू कर दिए हैं। हाल ही में जिला प्रशासन द्वारा सख्ती बरतने पर प्याज के दाम घटे थे लेकिन अचानक फिर मार्केट में बूम दिखने लगा है। फिलहाल फुटकर मार्केट में प्याज के दाम दस से बीस रुपए बढ़ गए हैं। आने वाले समय में इससे अधिक महंगाई बढ़ी तो नई बात नहीं होगी। इससे बचने के लिए प्रशासन को फिर से कड़े कदम उठाने होंगे।

आवक कम और मांग ज्यादा

प्याज के दाम बढ़ने का सीधा सा कारण आवक कम और डिमांड ज्यादा होना है। इलाहाबाद में प्रतिदिन दो से ढाई सौ टन प्याज की डिमांड होती है लेकिन मध्य प्रदेश में सीजन उतार पर होने की वजह से महज पचास से साठ टन माल ही आयात हो रहा है। जिसका फायदा मुनाफाखोरों ने उठाना शुरू कर दिया है। शहर की फुटकर मंडियों और बाजारों में प्याज के अनाप-शनाप दाम वसूले जा रहे हैं।

हर जगह बदली हुई कीमत

मुंडेरा थोक मंडी में प्याज की कीमत 20 से 30 रुपए प्रतिकिलो है। शहर की फुटकर मंडियों में पहुंचते-पहुंचते इसकी कीमत 60 से 70 रुपए प्रतिकिलो तक लगाई जा रही है। कीमत में दोगुने का अंतर मुनाफाखोरी की ओर इशारा करने के लिए काफी है। लोग भी परेशान हैं कि अचानक प्याज कीमत में उछाल आने का मेन रीजन क्या है। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जब अलग-अलग बाजारों से रेट लिया तो सच्चाई सामने आ गई। स्टैनली रोड पर प्याज 70 रुपए, बैरहना में प्याज की कीमत 55 रुपए, खुल्दाबाद में 60 रुपए, लूकरगंज में 60 रुपए की कीमत पर प्याज बिक रहा है। घटिया क्वालिटी और छोटे आकार के प्याज की कीमत 30 से 40 रुपए किलो है।

अभियान का हुआ था असर

पिछले दिनों प्याज की कीमत 50 रुपए तक पहुंची थी। ऐसे में आई नेक्स्ट ने अभियान चलाकर जिला प्रशासन और मंडी परिषद को जमाखोरी व मुनाफाखोरी के प्रति जागरुक किया था। इसको लेकर हुई छापेमारी और कड़ाई के चलते प्याज के दाम चालीस रुपए तक आ गए थे। एक बार फिर प्याज के दामों में तेजी आने लगी है। जिससे आम जनता की जेब ढीली होने लगी है। वर्तमान में प्याज 70 रुपए में बिक रहा है।

अभी लगाना होगा जोर

जानकारों का कहना है कि इस सीजन में बमुश्किल एक से दो सप्ताह ही मध्य प्रदेश से प्याज का आयात होगा। यहां माल खत्म हो जाने के बाद मजबूरन नासिक से प्याज मंगानी पडेगी। जिसके बाद प्याज के दाम में बड़ा अंतर आने की उम्मीद है। ऐसे में लोगों को प्याज खाने की आदत से महंगाई के चलते तौबा करनी पड़ सकती है। प्रशासन और खासतौर से जमाखोरो ंपर नकेल कसनी होगी।

- मध्य प्रदेश से प्याज के आयात होने का अंतिम दौर चल रहा है। भविष्य में यह आयात नासिक से होगा। ऐसे में कीमत अधिक बढ़ सकती है। लोगों को अधिक पैसे खर्च करने के बावजूद घटिया क्वालिटी का प्याज मिल रहा है।

सतीश कुशवाहा, अध्यक्ष, मुंडेरा हरी सब्जी मंडी

- पैदावार कम होने और डिमांड अधिक होने की वजह से जो अंतर आया है उसकी वजह से प्याज महंगा हो रहा है। अगर जमाखोर-मुनाफाखोर ऐसा कर रहे हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

धनंजय सिंह, सचिव, मंडी परिषद

Posted By: Inextlive