इन्‍फोसिस के पूर्व इम्‍पलॉई ने कंपनी पर भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही उस इम्‍पलॉई ने केस भी दर्ज कराया है. पढ़ें क्‍या है खबर...


हिंदी नहीं बोल पाताइम्पलॉई का कहना है कि कंपनी ने उनके साथ सिर्फ इसलिये भेदभाव किया, क्योंकि वह हिंदी नहीं बोल पाते थे. कंपनी के अगेंस्ट यह केस लायला, ग्रेगर हैंडलूजर और दो अन्य स्टाफ ने दर्ज कराया है. इम्पलॉई बोल्टन का अप्वॉइनमेंट सॉफ्टवेयर टेस्टर पद पर हुआ था, जबकि हैंडलूजर सेल्स मैनेजर थे. अमेरिका के विस्कॉन्सिन डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दायर किये गये इस केस में पूर्व इम्पलॉई ने आरोप लगाया कि उनके सुपरवाइजर और सहकर्मी कामकाज से जुड़ी बातचीत के दौरान उन्हें दरकिनार कर देते थे. वे उनके सामने हमेशा हिंदी में ही बोलते थे. मैं इंडियन नहीं हूं
बोल्टन ने आरोप लगाया कि प्रोजेक्ट के अहम पदों पर साउथ एशियन वर्करों को भर्ती किया जाता था. जबकि सॉफ्टवेयर टेस्टिंग में उनका एक्सपीरियंस मेरे मुकाबले कम था. यह केस इन्फोसिस टेक्नोलॉजी और इन्फोसिस पब्लिक सर्विसेज के अगेंस्ट दर्ज कराया गया है. मुकदमा दर्ज कराने वाले सभी पूर्व इम्पलॉई अमेरिकी हैं. बोल्टन ने यह भी आरोप लगाया है कि मुझे इसलिये भी प्रताडि़त किया जाता था, क्योंकि मैं इंडियन नहीं हूं. उनका यह भी कहा कि कई बार गुजारिश करने के बाद भी मुझे प्रमोशन के मौके नहीं दिये गये. हालांकि कंपनी के प्रवक्ता ने बॉल्टन के दावों का खंडन किया है और उसे झूठ बताया है. पिछले कुछ सालों के दौरान इन्फोसिस पर इसके कई अमेरिकी इम्पलॉई और नौकरी ढूंढ रहे लोगों ने आरोप लगाये हैं. इन आरोपों में उनकी राष्ट्रीयता और जाति की वजह से वीजा के गलत इस्तेमाल से लेकर भेदभाव तक के आरोप हैं.

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari