फेमस पेंटर और वडोदरा में स्टेट के 14 साल तक गेस्ट आर्टिस्ट रहे रवि वर्मा की लाइफ पर बेस्ड डायरेक्टर केतन महेता की फिल्म रंगरसिया में क्या कुछ ऐसा है जो इस ग्रेड आर्टिस के आसपास पहुंचता है ये तय करना आपके हाथ में हैं. लेकिन कुछ पेंटिंग्स और फिल्म के स्टिसल्स के थ्रू हम आपको उस कंट्रोवर्सी की एक झलक जरूर दिखा सकते हैं जो इन पेंटिंग्स और फिल्म दोनों में पूरी एक सेंचुरी तक एक जैसी चली आयी हैं.

फिल्म की स्टोरी, राजा रवि की लाइफ और उनकी बनाई पेंटिंग्स पर बेस्ड है. फिल्म की काफी शूटिंग वडोदरा के लक्ष्मी विलास पैलेस में हुई है. इस फिल्म में रवि वर्मा का करेक्टर रणदीप हुड्डा ने प्ले किया है.
रवि वर्मा के लव इंट्रेस्ट सुगंधा के रोल में नंदना सेन हैं. राजा रवि की इंस्प्रेशन भी थीं और राजा रवि ने उन्हें इंडियन गॉडेस के रूप में अपनी पेंटिंग्स में उतारा था. 1881 में वडोदरा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड के राज्याभिषेक पर रवि वर्मा वडोदरा आए थे और इस मौके पर उन्होंने सयाजीराव की भी पेंटिंग बनाई थी.
इंडियन गॉड्स की पेंटिंग बनाने और इनके जरिए ऑर्ट को एक अलग लेबल की हाइट पर ले जाने में पेंटिंग की हिस्ट्री में रवि वर्मा का नाम शामिल है. पर इसके साथ ही उस टाइम पर अपनी रेव्योलूशनरी इमेजिनेशन के चलते उन्होंने कई कंट्रोवर्सी भी क्रिएट की और डेथ थ्रेट से लेकर जेल जाने तक की सजा भी भुगती. 

राजा रवि वर्मा का जन्म 29 अप्रैल 1848 को केरल के एक छोटे से गांव किलिमन्नूर में हुआ. पांच साल की उम्र से पेंटिंग बनाना स्टार्ट करके उन्होंने लाइफ लांग अपने टैलेंट को पॉलिश किया. अपनी पेंटिंग्स को इंप्रूव और इंप्रोवाइज करने के लिए उन्होंने काफी ट्रैवलिंग की वो साउथ इंडिया के काफी बड़े पार्ट में इसके लिए घूमे.
राजा रवि वर्मा की हर पेंटिंग सिर्फ आर्ट का ही नहीं एज पर्सन उनके थॉट्स का भी आईना थी. उन्होंने सही मायने में प्रेम, ईश्वर और सत्य को अपने अंदर समेट लिया था और वो ही उनकी पेंटिंग्स में झलकता था जिसे उस दौर में भी एक्सेजप्टेंस के लिए लड़ना पड़ा और आज भी उनकी सोच काफी सेंसटिव इश्यूज को हाई लाइट करती है.

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Posted By: Molly Seth