यूरोपीय संसद में इटेलियन मरीनों के इटली लौटने संबंधी प्रस्‍ताव के विरोध में भारत ने अपना तीखा विरोध दर्ज कराया है. भारत ने कहा है कि यह मामला भी कोर्ट में लंब‍ित है ऐसे में यूरोपीय संसद को यह प्रस्‍ताव पास नहीं करना चाहिए था.


मरीनों को इटली वापस भेजे भारतयूरोपीय संसद ने वर्ष 2012 में केरल के तटीय क्षेत्र में दो भारतीय मछुआरों की हत्या करने वाले इटेलियन मरीनों के संबंध में एक प्रस्ताव पास किया है. इस प्रस्ताव में यूरोपीय संसद ने भारत से आह्वान किया है कि भारत सरकार दोनों मरीनों को उनके देश लौटने की इजाजत दे. इसके साथ ही न्यायाधिकार क्षेत्र में बदलाव किया जाए. इसके जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दर्ज कराते हुए कहा है कि यह मामला अभी कोर्ट के सामने लंबित है. इसके साथ ही भारत और इटली के बीच इस मामले को लेकर बातचीज चल रही है. गलत है यूरोपीय संसद का प्रस्ताव
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि जब यह मामला भारत की सर्वोच्च कोर्ट में लंबित है. इसके साथ ही भारतीय कोर्ट ने दो में से एक मरीन के इटली में रहने की अवधि को तीन महीने तक बढ़ा दिया है. वहीं साथ ही जब एक मरीन भारत में इटेलियन एंबेसी में रह रहा है. ऐसे में यूरोपीय संसद को यह प्रस्ताव पास नहीं करना चाहिए था. उल्लेखनीय है कि इटेलियन मरीन मसिमिलिआनो लटोरे को स्वास्थ्य कारणों के चलते इटली में रहने की आजादी दी है. इस मामले में दोनों मरीनों अपनी बात पर टिके हुए हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने भारतीय मछुआरों को समुद्री लुटेरा समझ कर गोली चलाई.

Hindi News from World News Desk

Posted By: Prabha Punj Mishra