आज पूरे देश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रौनक देखने को मिल रही है। देश के सभी मंदिरो व घरों में भगवान श्रीकृष्‍ण की झांकियां सजाई गई हैं। मंदिरों में सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। सबसे खास बात तो यह है कि देश में धूमधाम से मनाए जाने वाले इस श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम विदेशों तक फैली है। नेपाल कनाडा जैसे कई देश ऐसे हैं जहां यह त्‍योहार पूरे विधिविधान से मनाया जाता है। शायद यही वजह है किए आज के इस विशेष दिन पर देश के कई मंदिरों में विदेश से भी लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। आइए जानें दुनिया के इन खास देशों में कैसे मनाई जाती है ये जन्‍माष्‍टमी...


नेपाल:नेपाल में जन्माष्टमी भारत की तरह ही मनाई जाती है। यहां काफी संख्या में लोग इसे मनाते हैं। नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित पाटन दरबार में भगवान श्रीकृष्ण का एक पुराना मंदिर है। महिला पुरुष सभी वहां पर विधि विधान से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं। इसके अलावा काफी शानदार तरीके पूजा व भजन आदि होता है। इसके बाद यहां पर लोगों को प्रसाद आदि वितरित होता है। यहां पर बड़ी संख्या में लोग प्रसाद के नाम पर इस दिन भोजन आदि वितरित करते हैं।यूएसए:


यूएस में भी जन्माष्टमी विशेष रूप में मनाई जाती है। यहां पर बीसवीं सदी के एक प्रसिद्ध गौडीय वैष्णव गुरु तथा धर्मप्रचारक श्रील भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने कृष्ण भक्ति का अनोखा माहौल बनाया था जो आज भी यहां पर देखने को मिलता है। अमेरिका में जन्माष्टमी के दिन सुबह से ही यहां पर कुछ खास मंदिरों में लोगों की भीड़ी होने लगती है। यहां पर यूरेपियन व एशियन लोग रंग बिरंगे कपड़ो को पहनकर जन्माष्टमी पर होने वाले कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। भारत की तरह ही यहां भी आधी रात में जन्मोत्सव मनाया जता है और प्रसाद आदि वितरित होता है। प्रसाद में दूध से बने प्रोडक्ट बांटे जाते हैं।कनाडा:

कनाडा के टोरंटो में भी जन्माष्टमी पर काफी जोश दिखाई देता है। कनाडा में काफी संख्या में भारतीय लोग रहते हैं। जिससे यहां पर भी पूरे रीतिरिवाज के साथ यह त्योहार मनाया जाता है। लोग एक जगह पर इकट्ठा होते हैं। राधा कृष्ण के मंदिरों में लोग श्लोक आदि बोलकर पूजा करते हैं। इसके अलावा यहां पर मंदिरों में रातभर भक्ित से भरे कार्यक्रम आदि होते हैं। जिनमें डांस म्यूजिक आदि का बोलबाला होता है। इसके अलावा लोग घरों में भी इसका कृष्ण जन्म मनाया जाता है। इसके अलावा यहां पर आधी रात में प्रसाद वितरित किया जाता है।मलेशिया: मलेशिया में भी जन्माष्टमी का खास प्रभाव है। यहां पर मुस्लिम कम्यूनिटी होने के बाद भी इसका बड़ा महत्व है। यहां पर लगभग 2 करोड़ दक्षिण भारतीय लोग रहते हैं। जिससे यहां पर कृष्ण भक्ति का विंहगम दृश्य देखने को मिलता है। यहां पर इस त्योहार की चमक कई दिनों तक देखने को मिलती है। रात के समय जन्म मनाने के साथ आरती भजन आदि होते हैं। मंदिर में मौजूद भक्तों को प्रसाद आदि वितरित किया जाता है। प्रसाद में फल, मिठाई के साथ और भी कई स्पेशल चीजे वितरित की जाती हैं। सिंगापुर:

जन्माष्टमी का असर सिंगापुर में भी दिखाई देता है। हालांकि यहां भी कई विभिन्न समुदाय और संस्कृति के लोग रहते हैं, लेकिन बावजूद इसके जन्माष्टमी का असर काफी शानदार है। यहां पर मनाए जाने वाले इस त्योहार में भारत की एक विशाल तस्वीर दिखाई है। यहां पर कृ्ष्णा जन्माष्टमी पर झांकी आदि सजाई जाती है।  इसके अलावा यहां के मंदिरों में भव्य तरीके से कृष्ण जन्म मनाया जाता है। जन्म के समय मंत्र आदि जपे जाते हैं। इसके बाद आरती और जयकारे लगाए जाते हैं। यहां पर भारत की तरह ही त्योहार का समापन होता है। इस दौरान कई प्रतियोगिताएं भी आयोजित होती है।

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Posted By: Shweta Mishra