आज मैं ऊपर, आसमां नीचे..
RANCHI: आज मैं ऊपर, आसमां नीचेकुछ इसी अंदाज में स्टूडेंट्स ने हवा में छलांग लगाते हुए अपनी खुशी का इजहार शुक्रवार को किया। मौका था बीआइटी मेसरा के ख्7वें कॉन्वोकेशन का, जहां ख्0क्म् में पासआउट क्ख्ब्0 स्टूडेंट्स की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। सफलता की आसमां छूने की चाहत लिए ग्रेजुएशन के 7ख्8, पोस्ट ग्रेजुएशन के ब्भ्0 व पीएचडी के म्ख् स्टूडेंट्स के हाथों में डिग्री मिलते ही मानो उनकी उड़ान को पंख लग गए हों। इन्हीं में क्क् ऐसे होनहार स्टूडेंट्स भी थे, जिन्हें गोल्ड मेडल से नवाजा गया। मेडल व डिग्री पाने की खुशी स्टूडेंट्स के चेहरे पर साफ झलक रही थी।
जॉब सीकर नहीं प्रोवाइडर बनें: गवर्नरकॉन्वोकेशन के मौके पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि जॉब सीकर नहीं, प्रोवाइडर बनें। उन्होंने कहा कि झारखंड को बीआईटी मेसरा जैसे संस्थान से पढ़े युवाओं की हर सेक्टर में बेहद जरूरत है। हाल ही में मोमेंटम झारखंड में हुए एमओयू को धरातल पर उतारने में बीआईटी से पढ़े स्टूडेंट्स का बहुत बड़ा योगदान रहेगा। ऐसे संस्थान से पढ़ने के बाद छात्रों को जॉब ढूंढने की नहीं, बल्कि जॉब देने की दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है।
अचीवमेंट हासिल करते रहें: नारलीकारसमारोह के चीफ गेस्ट पद्मभूषण जयंत नारलीकार ने कहा कि यह स्टूडेंट्स के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव था, जिसे सभी ने पार कर लिया है। लेकिन किसी को अपनी उपलब्धियों पर कभी संतुष्ट नहीं होना चाहिए। आप जितनी उपलब्धियां हासिल करेगे उतना ही आगे बढ़ते चले जाएंगे।
देश गढ़ रहे बीआइटियंस: वीसी बीआईटी मेसरा के वीसी मनोज कुमार मिश्रा ने ख्0क्म्-क्7 के बीच बीआईटी की उपलब्धियां सबके सामने रखी। कहा कि बीआईटी हर स्तर पर लगातार आगे की ओर बढ़ रहा है। छात्र यहां से पढ़कर देश के विकास के लिए काम कर रहे हैं इन्हें मिला गोल्ड यश कौशल कंप्यूटर साइंस गोविंद कुमार सिंह इलेक्ट्रिक एंड इलेक्ट्रॉनिक्स दीपोन बोस आर्किटेक्ट कौशल किशोर होटल मैनेजमेंट जीतू कुमार बायोटेक श्रुति मिश्रा फार्मेसी मोनिका दत्ता केमिकल आदित्य उज्ज्वल केमिकल पॉलीमर शुभम अग्रवाल मैकेनिकल प्रभजोत सिंह आईटी फरहीन रहमान सिविल इंजीनियरिंग । क्या कहते हैं गोल्ड मेडलिस्ट मुझे अपने देश को एक नई ऊंचाई पर लेकर जाना है। अभी फ्रांस से एमटेक कर रहा हूं। वहां से लौटने के बाद अपने देश के लिए काम करूंगा। -शुभम अग्रवाल, मैकेनिकल मुझे बीआईटी में जो भी सीखने के लिए मिला, मैं उसे अपने जीवन में उतारने की कोशिश करूंगा। मैं कंप्यूटर साइंटिस्ट बनकर आईटी के क्षेत्र में नई संभावनाएं पैदा करूंगा।प्रभजोत सिंह, आईटी
गोल्ड मेडल का पूरा श्रेय मैं मम्मी-पापा, दोस्त और टीचर्स को देना चाहती हूं। मुझे सिविल के क्षेत्र में उच्च शिक्षा हासिल करनी है और फिर कंस्ट्रक्टिव मैनेजर बनूंगी।
-फरहीन रहमान, इंजीनियरिंग मुझे अभी एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद भी गोल्ड मेडल जीतना है। मैं अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने मम्मी-पापा को देना चाहता हूं, क्योंकि इन्होंने मेरी हमेशा मदद की है। -यश कौशल, कंप्यूटर साइंस जुबली एंड फूड वर्क कंपनी में कॉरपोरेट के रूप में काम करना चाहता हूं। इसलिए मैं अभी बहुत मेहनत कर रहा हूं और मुझे पूरी उम्मीद है कि सफलता मिलेगी। -कौशल किशोर, होटल मैनेजमेंट मैं सरकार की स्कीम में लागत कम करने की कोशिश करूंगा। मेरा प्रयास रहेगा कि मैं कम से कम लागत में अच्छे मॉडल को डिजाइन करने में सरकार की मदद करूं। -दीपोन बोस, आर्किटेक्ट मुझे पढ़ने और पढ़ाने का बहुत शौक है। मैं इस मेडल का पूरा श्रेय अपने टीचर्स, दोस्त और अपने परिवार को देता हूं, जिन्होंने कभी मेरे कम मार्क्स आने पर भी सवाल नहीं किया। -आदित्य उज्ज्वल, केमिकल पॉलीमरमैं उन सभी का आभारी हूं, जिन्होंने बचपन से ही मेरी पढ़ाई में बहुत मदद की है। मैं आगे आने वाले दिनों में एक कंपनी खोलकर युवाओं को रोजगार दूंगा।
जीतू कुमार, बायोटेक पहली बार गोल्ड मेडल मिला है, वह भी बीआईटी मेसरा जैसे कॉलेज में, इस बात का मुझे गर्व है। मैं इसका पूरा श्रेय अपने टीचर्स को देती हूं, जिन्होंने मेरी बहुत मदद की है। -मोनिका दत्ता, केमिकल