खून से लिखी चिट्ठी पीएम के नाम, दिलाइए हक और सम्मान
RANCHI: पारा शिक्षकों का आंदोलन अब इमोशनल मोड़ ले लिया है। शनिवार को सैकड़ों पारा शिक्षक और सीआरपी-बीआरपी ने अपने खून से पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर पीड़ा व्यक्त की है। कहा है कि न्याय के लिए अब खून भी देना पड़े, तो हम पीछे हटने वाले नहीं हैं।
क्या है चिट्ठी में पारा शिक्षक और बीआरपी सीआरपी ने सीरिंज से अपने हाथों से खून निकालकर पीएम को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में लिखा है कि माननीय प्रधानमंत्री जी हमारी पीड़ा पर ध्यान देने की कृपा करें। इसके अलावा अलग-अलग कागजों पर सभी पारा शिक्षकों ने अपनी अपनी मांगें लिखी हैं। गौरतलब हो कि पिछले एक महीने से राज्य भर के म्9000 पारा शिक्षक और फ्भ्00 बीआरपी सीआरपी हड़ताल पर हैं। पारा शिक्षकों की हड़ताल से राज्य के सुदूरवर्ती इलाकों में शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो गई है। जयपाल सिंह स्टेडियम में अड़ेपारा शिक्षकों ने सीएम आवास के समक्ष घेरा डालो डेरा डालो का आगाज ख्0 अक्टूबर से किया है। मोरहाबादी मैदान से सीएम आवास के लिए निकले पारा शिक्षकों को ख्0 अक्टूबर को हिरासत में ले लिया गया था, जिसके बाद सभी हड़ताली शिक्षकों को जयपाल सिंह स्टेडियम कैंप जेल में रखा गया है। इसके बाद से ही पारा शिक्षक वहीं पर अड़े हैं।
कैंप जेल में भूख से जंग
पारा शिक्षक और सीआरपी बीआरपी के इस आंदोलन में काफी संख्या में महिलाएं भी हैं। सीआरपी-बीआरपी महासंघ के नेता पंकज शुक्ला का कहना है कि सरकार ने जेल तो दिया है लेकिन न तो खाना का प्रबंध कर पाई है और न ही शौचालय की ही व्यवस्था है। हमने अपनी मांगों को शांतिपूर्ण तरीके से रखा जिसके फलस्वरूप हमें कैंप जेल में डाल दिया गया है। । क्या कहते हैं हड़ताली कर्मी प्रधानमंत्री जी झारखंड में पारा शिक्षक और बीआरपी सीआरपी के साथ न्याय नहीं हो रहा है। काम के हिसाब से हमें वेतन नहीं मिल रहा। इससे बुरी बात क्या हो सकती है। अब न्याय आपके हाथ में है। कौलेश्वर, बीआरपी, गिरिडीह प्रधानंत्री जी हमारे साथ न्याय आपके हाथ में है। यहां की सरकार हमारी बातें नहीं सुन रही है। हमने अपने खून से आपको चिट्ठी लिखी है, उम्मीद है कि हमारी मांगों पर सकारात्मक विचार होगा। प्रभात दुबे, सीआरपी, पांकी पलामू