डिसीजन मेकर हो हमारा पीएम
RANCHI : देश को आज मजबूत प्राइम मिनिस्टर की जरूरत है। पीएम ऐसा होना चाहिए जो अपने डिसीजन और एक्शन से देश की तकदीर और तस्वीर बदल दे। हालांकि देश का डेमोक्रेटिक सिस्टम इजाजत नहीं देता है कि हम डायरेक्ट प्राइम मिनिस्टर चुन सकें, पर बेहतर, विजनरी और मजबूत सरकार बनाने के लिए हमारे पास वोटिंग पावर है। हमारे वोट से ही सरकार बनेगी। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि बिना किसी लालच व बहकावे में आकर अपने वोट का इस्तेमाल सोच-समझकर करें। ऐसे कैंडिडेट्स को वोट करें, जो हर लिहाज से योग्य, एजूकेटेड, ईमानदार और विजनरी हो, क्योंकि इसी में हमारा और देश का हित है।
जो प्रॉबलस दूर कर सकेआज देश के सामने कई तरह की समस्याएं हैं। नक्सलाइट्स और टेररिस्ट्स की एक्टिविटीज से देश की सिक्योरिटी को खतरा है तो महंगाई से लोग परेशान हैं। करप्शन से डेवलपमेंट प्रभावित हो रहा है तो विदेशों में जमा ब्लैक मनी वापस नहीं आ रहा है। फॉरेन अफेयर्स और इकोनॉमिक इश्यू पर भी देश कमजोर हुआ है। अनइंप्लाइमेंट भी आज अहम मुद्दा है। ऐसे में वक्त आ गया है कि अपने वोट के जरिए एजूकेटेड और एक्सपीरिएंस कैंडिडेट्स को पार्लियामेंट भेजें, जो इन प्रॉबलस से देश को छुटकारा दिला सके। सिटी के एक टी स्टॉल पर अपने फ्रेंड्स के संग इलेक्शन पर डिस्कशन कर रहे यंग वोटर अनिल कुमार का यह कहना है। अनिल की बातों से सहमत निशांत कहते हैं कि पॉलिटिकल पार्टी वादे कुछ करते हैं और काम कुछ और। ऐसे में इन्हें सबक सिखाने का वक्त आ गया है.इसबार खुद तो वोट करेंगे ही, दूसरों को भी वोटिंग के लिए अवेयर करेंगे।
यूथ को मिले जॉबदेश में आज ऐसे युवाओं की संया करोड़ों में है, जो पढ़-लिखकर भी बेरोजगार है। जॉब के लिए दर-दर भटक रहे हैं। ऐसे में हम वैसे पॉलिटिकल पार्टी को वोट करेंगे, जिसके एजेंडे में अनइंप्लाइमेंट दूर करना प्रॉयोरिटी रखती है.यह कहना है निशांत अंबष्ठ का। बातचीत के दौरान पुनीत कहते हैं कि इलेक्शन के दौरान तमाम पॉलिटिकल पार्टीज यूथ को अपने फेवर में करने के लिए बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन इलेक्शन खत्म होते ही वे अपने वादे भूल जाती है। ऐसे में कौन सही है और कौन गलत, इसका फैसला हमें वोट के जरिए करना चाहिए। पुनीत को बीच में रोकते हुए निशांत कहते हैं- भाई, सीधी सी बात है। पिछले इलेक्शन में किस पार्टी ने कितने वादे किए थे और वे कितने वादों को हकीकत में बदल पाए, उसका पहले आकलन कर लें, फिर अपने वोटिंग पावर का इस्तेमाल करें। वे आगे कहते हैं कि पॉलिटिक्स में परिवारवाद को खत्म किया जाना चाहिए, क्योंकि इसी में इंडियन डेमोक्रेटिक सिस्टम की भलाई है।