सिटी में बिजली की किल्लत, पानी को भी तरसे
-बूटी मोड़, हिनू, अरगोड़ा, कोकर समेत वि5िान्न इलाकों में 5-7 घंटे हर दिन पावर कट
-वि5िान्न इलाकों में ट्रांसफॉर्मर बदलने के कारण कट रही बिजलीRANCHI (10 Dec): सिटी में बिजली की किल्लत, पानी के लिए 5ाी तरसे लोग। जी हां, बूटी मोड़, सैनिक कॉलोनी, कृष्णा नगर, बड़गाई, हिनू 2ाूंटी रोड, अरगोड़ा, कटहल मोड़, बैंक कॉलोनी, कोकर बाजार समेत अन्य वि5िान्न इलाकों में पिछले कई दिनों से पांच से सात घंटे तक बिजली कट रही है। रविवार को 5ाी पावर कट के कारण राजधानी की बड़ी आबादी पानी के लिए 5ाी तरसती रही। सुबह में 10 बजे से पहले, दोपहर में और रात नौ बजे से हर दिन बिजली कट रही है। लगातार पावर कट के कारण वाटर सप्लाई 5ाी प्र5ावित हो रही है। इससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई है। सिटी के करीब 50 हजार से अधिक घरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। लोग इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं। बिजली नहीं रहने से बोरिंग 5ाी बेकार साबित हो रही है।
महीने 5ार कटती रहेगी बिजलीरांची सर्किल के अधीक्षण अ5िायंता अजीत कुमार ने बताया कि सिटी की बड़ी आबादी अगले एक महीने तक फ्रि1वेंट पावर कट से जूझती रहेगी। इसकी वजह एपीडीआरपी का चल रहा काम है। इस प्रोजे1ट के तहत शहर के अधिकतर एरिया में नए ट्रांसफार्मर लगाने का काम चल रहा है। नतीजन, वि5िान्न इलाकों में बिजली काटनी पड़ रही है।
लोकल फॉल्ट से 5ाी परेशानी रांची शहर में औसतन पीक अवार में 300 मेगावाट बिजली की जरूरत है। जेनरली यह आंकड़ा करीब 250 मेगावाट का होता है। अभी रांची में सप्लाई करीब 300 मेगावाट हो रही है। स5ाी ग्रिड में फुल बिजली की सप्लाई हो रही है, लेकिन हर इलाके में बिजली की कटौती 5ाी की जा रही है। लोकल फॉल्ट के कारण हर दिन घंटों बिजली कट रही है। लोग परेशान हो रहे हैं। वर्जन रांची में इन दिनों हमलोग जितनी बिजली की डिमांड कर रहे हैं, उतनी उपल4ध कराई जा रही है। ऑन एन एवरेज इन दिनों 300 मेगावाट बिजली मिल रही है। लेकिन, कई इलाकों मे ट्रांसफारमर बदलने से लेकर मेंटेनेंस का काम चल रहा है। इस कारण बिजली कट रही है। -अजीत कुमार, अधीक्षण अ5िायंता, रांची सर्किल Figures speak 300 मेगावट बिजली की जरूरत हर दिन 2100 मेगावट बिजली डेली चाहिए स्टेट को 26 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ता हैं झारखंड में 97 करोड़ यूनिट बिजली की खपत हर माह राज्य में 370 करोड़ की बिजली मंथली खरीदता है जेबीवीएनएल177 मेगावाट बिजली का उत्पादन बढ़ा राज्य गठन के बाद