कागजों में उलझे बिजनेसमैन, दाखिल नहीं हो रहा GST रिटर्न
RANCHI: व्यवसायी कागजों में उलझे हुए हैं और जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं हो रहा है। चैंबर की जीएसटी उप कमिटी के चेयरमैन दीनदयाल वर्णवाल बताते हैं कि अभी तो पोर्टल भी ठीक से चल रहा है। व्यवसायी खुद ही रिटर्न दाखिले करने में इंट्रेस्ट नहीं ले पा रहे हैं। कागजों का इतना उलझन है कि भारी संख्या में रजिस्ट्रेशन होने के बावजूद रिटर्न दाखिल करने में कमी आ रही है। गौरतलब हो कि जीएसटीआर-ख् व जीएसटीआर-फ् फाइल करने की डेट फ्0 नवंबर तक बढ़ाई गई है, जो पहले फ्क् अक्टूबर तक ही थी।
अक्टूबर में म् रिटर्न दाखिल करनी थीझारखंड चैंबर के सदस्य और जीएसटी एक्सपर्ट आरडी सिंह ने बताया कि अक्टूबर महीने में व्यापारियों को अलग-अलग जानकारी के साथ छह रिटर्न दाखिल करनी थी। जुलाई माह का जीएसटीआर-ख् पहले क्0 अक्टूबर तक दाखिल करनी थी, दूसरा क्8 अक्टूबर तक कंपोजीशन रिटर्न जीएसटी-ब्, तीसरा सितंबर माह का ख्0 अक्टूबर तक जीएसटीआर-फ् बी और चौथा टीडीएस रिटर्न, पांचवां टैक्स आडिट एवं टैक्स रिटर्न व छठा जीएसटी का टर्न क् स्टाक सूची देने की फ्क् अक्टूबर अंतिम तारीख तय की गई थी। अक्टूबर महीने में एक साथ इतने रिटर्न भरने से परेशानी आ रही थी, इसलिए इसमें बदलाव किया गया। अब रिटर्न फाइल की अवधि बढ़ने से व्यापारियों को राहत मिली है।
स्टेट में म्भ् हजार रजिस्ट्रेशनजीएसटी में राज्य में म्भ् हजार से अधिक व्यवसाइयों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। जीएसटी को पूरी तरह से लागू करने में कार्मशियल डिपार्टमेंट भी लगा हुआ है। इसके बावजूद रांची सहित राज्य में हजारों व्यवसाइयों ने जीएसटी में रिटर्न दाखिल नहीं किया है। सिटी के व्यवसायी अभी तक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में पीछे हैं। नहीं बढ़ रही रिटर्न दाखिल की संख्याकॉमर्शियल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि रिटर्न दाखिल करने वाले रजिस्टर्ड व्यवसायियों की संख्या कम होने से विभाग भी परेशान हैं। सभी को फोन किया जा रहा है और उनको रिटर्न दाखिल करने के लिए कहा जा रहा है। रिटर्न दाखिल करने में व्यापारियों के इंट्रेस्ट नहीं लेने से कार्मशियल डिपार्टमेंट भी परेशान है। विभाग के अधिकारी जी जान से जुटे हैं कि व्यापारियों की संख्या को किस तरह बढ़ाया जाए। अधिक से अधिक व्यापारी रिटर्न दाखिल करें, इसके लिए विभाग की ओर से प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। इसके लिए व्यवसाइयों की संस्था के साथ भी मिलकर काम किया जा रहा है।