RANCHI: रांची नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक में जलसंकट को लेकर पार्षदों ने निगम के पदाधिकारियों की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया। पार्षदों का कहना था कि जनता को अगर पानी नहीं दे सकते तो पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। पार्षदों ने जलसंकट को लेकर निगम के पदाधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए। पार्षदों का कहना था कि हर दिन सुबह सैकड़ों लोग पानी का इंतजार हर गली मोहल्ले में करते रहते हैं, फोन कॉल भी करते हैं लेकिन पानी समय से नहीं पहुंच रहा है। टैंकरों की संख्या कम है, सीमित क्षेत्रों में ही पानी जा पा रहा है, इसलिए अविलंब टैंकरों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि जल संकट से निजात मिल सके।

सड़क पर उतरेगी पब्लिक

नवनिर्वाचित पार्षदों ने निगम के पदाधिकारियों को साफ शब्दों में जलसंकट को लेकर चेतावनी दी है कि अगर हालात नहीं सुधरे तो रांची की जनता पानी के लिये सड़क पर उतर सकती है। इसलिए अधिकारी एसी कमरों से निकलकर जनता की समस्याओं का निदान करें। हर वार्ड में कम से कम एक हाइड्रेंट का निर्माण कराएं, जहां से हम टैंकर में पानी भर कर मोहल्ले में बांट सकें, अन्यथा घर में रहना हमारे लिए दूभर हो रहा है। बैठक में मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, सांसद महेश पोद्दार, नगर आयुक्त डॉ शांतनु अग्रहरि, सहायक कार्यपालक पदाधिकारी रामकृष्ष्ण कुमार आदि उपस्थित थे।

इंजीनियर रहे निशाने पर

बोर्ड की बैठक में पीएचईडी के इंजीनियर पार्षदों के निशाने पर रहे। पार्षदों ने आरोप लगाया कि तीन साल पहले जो पाइपलाइन बिछी थी उसमें अभी तक पानी नहीं आ रहा है। जिसका जवाब जनता मांग रही है। इस पर पीएचइडी के अभियंताओं ने कहा कि नई पाइपलाइन में पानी तब तक नहीं भेजा जा सकता है,जब तक हम नये सिरे से संप का निर्माण नहीं करवा लें। अगर बिछाई गई इन पाइपलाइन को मुख्य पाइप से जोड़ दिया जाये तो हो सकता है। जिन मोहल्लों में अभी पानी पहुंच रहा है, वहां पानी नहीं पहुंचेगा। इसलिए नई बिछाई गई पाइपों को मुख्य पाइपों से नहीं जोड़ा जा रहा है।

पार्षदों का फोन नहीं उठाते अधिकारी

पार्षदों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों को जलसंकट या अन्य समस्याओं को लेकर फोन किया जाये तो वे उठाते नहीं हैं। ऐसा लगता है कि वे जनता की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं हैं। वहीं पार्षद ओमप्रकाश ने हेल्थ ऑफिसर पर आरोप लगाया कि एक सप्ताह में उन्हें 25 बार फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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रैन बसेरा होगा कब्जा मुक्त

वार्ड पार्षद वेदप्रकाश सिंह ने नगर आयुक्त से कहा कि धुर्वा बस स्टैंड में बने रैन बसेरा में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लग रहा है। इसलिए पूरे बस स्टैंड का सर्वे कराकर इसे अतिक्रमण मुक्त कराया जाये। वार्ड पार्षद की मांग पर नगर आयुक्त ने कहा कि वे जल्द ही इसकी जांच कराएंगे।

कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ कैसे बने टाउन प्लानर

पार्षद ओमप्रकाश ने सवाल उठाया कि एक कॉन्ट्रैक्ट का कर्मचारी आखिर कैसे नगर निगम का टाउन प्लानर बन गया है। जबकि उस पर कई तरह के गंभीर आरोप हैं। इसलिए इसे टाउन प्लानर न बनाते हुए इसकी नियुक्ति को वापस सरकार के पास भेजा जाये।

इन प्रस्तावों पर लगी मुहर

-बिना नक्शा के बने लॉज व हॉस्टल के भवन पर रोक लगाने के संबंध में राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा जाए।

-बिना नक्शा दो मंजिला भवनों को जिस रूप में है, उसी रूप में नक्शा पास करने का प्रस्ताव तैयार कर सरकार के पास भेजा जाएगा।

-कचरा यूजर चार्ज में भी आधी कटौती की जाएगी।

-शहर के किसी पार्क में मॉर्निंग वॉकरों से नहीं लिया जाएगा शुल्क

Posted By: Inextlive