RANCHI: आए दिन चेन स्नेचिंग, झपटमारी व चोरी तथा इसमें पकड़ाए नाबालिग बच्चों के बाद रांची पुलिस ने बाल अपराध पर लगाम कसने का एक नया तरीका इजाद किया है। इसके लिए स्कूली बच्चों को ट्रेंड किया जाएगा, जो अपने हम उम्र को अपराध के दलदल में जाने से रोकेंगे। इसके तहत यूनिसेफ की ओर से सोमवार को लालपुर बाल मित्र थाना में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जहां कई स्कूलों के बच्चों को अपराध रोकने के तरीके बताए गए। बाल मित्र थाना में कैसे काउंसिलिंग होती है, बच्चों के मन से पुलिस का भय कैसे दूर हो सहित अन्य कई जानकारियां दी गई, जिससे बाल अपराध को रोकने में मदद मिल सके। मौके पर मुख्य रूप से यूनिसेफ की ओर से मधुमिता, प्रशिक्षु डीएसपी यशोधरा, सिटी डीएसपी राजकुमार मेहता, लालपुर इंस्पेक्टर रमोद कुमार सिंह, एडवोकेट सुधीर श्रीवास्तव मौजूद थे।

क्या-क्या बच्चों को बताया गया

बच्चों को बताया गया कि आपराधिक वारदात में पकड़े गए नाबालिगों की कैसे बाल मित्र थाना में काउंसलिंग होती है। पुलिसकर्मी और चाइल्ड काउंसिलिंग एक्सपर्ट कैसे काम करते हैं। कार्यशाला के दौरान बताया गया कि ऐसे बच्चे और किशोर जो किसी अपराध में पकड़े जाते हैं, उनकी काउंसलिंग कर उनका ब्रेन वॉश किया जाए, ताकि वे दोबारा अपराध न कर सकें। कार्रवाई से पहले नाबालिगों से पूछताछ के लिए जुबेनाइल जस्टिस एक्ट (जेजे एक्ट) का पालन किए जाने की बात भी स्कूली बच्चों को बताई गई।

बच्चों ने दागे सवाल, आखिर पुलिस की छवि क्यों हुई खराब

कार्यशाला में भाग लेने आए जमशेदपुर, ओरमांझी, चाईबासा के स्कूली बच्चों ने पुलिस अधिकारियों से सवाल किए कि पुलिस इतनी अच्छी है और उनके काम इतने अच्छे, तो फिर आम लोग थाना आने से कतराते क्यों हैं? इस पर इंस्पेक्टर ने कहा कि पुलिस भी आमलोगों की तरह ही है। पुलिस आमलोगों की मदद से ही अपराधियों को पकड़ती है, अदालत से उन्हें सजा दिलवाती है। पुलिस ने बच्चों से कहा कि किसी को भी थाना आने और कंप्लेन करने से डरने की बात नहीं है।

वर्जन

बालमित्र थाना बनाने का मकसद बच्चों को सही राह दिखाना है। यह भटके हुए बच्चों के हित में हैं। हम ध्यान रखेंगे कि बच्चों को उनका अधिकार मिले।

-राजकुमार मेहता, डीएसपी, सिटी

Posted By: Inextlive