‘We want direct election’
तो इलेक्शन से रहेंगे अलग
एनएसयूआई, जेसीएम, एबीवीपी और झारखंड छात्र संघ ने थर्सडे को वीसी से मुलाकात कर अपनी डिमांड्स से अवगत करा दिया है। इनका साफ कहना है कि अगर रांची यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स यूनियन के इलेक्शन इनडायरेक्ट होते हैं, तो वे पूरे इलेक्शन प्रोसेस से अपने को अलग रखते हुए बॉयकाट करेंगे। गौरतलब है कि डायरेक्ट- इनडायरेक्ट के पेंच में ही लास्ट ईयर स्टूडेंट्स यूनियन के इलेक्शन कैंसिल कर दिए गए थे. रांची यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन जहां इनडायरेक्ट प्रोसेस से इलेक्शन कराने की बात कह रही है, वहीं कुछ स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशंस डायरेक्ट इलेक्शन कराने की डिमांड पर अड़े हुए हैं।
तीन घंटे तक चली बहस
स्टूडेंट्स यूनियन के इलेक्शन डायरेक्ट हों या इनडायरेक्ट, इस इश्यू पर वीसी डॉ एलएन भगत, प्रॉक्टर डॉ दिवाकर मिंज और डीएसडब्ल्यू के साथ स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशंस की तीन घंटे तक बहस चलती रही, पर कोई नतीजा नहीं निकला। वीसी ने कहा कि, देखते हैं क्या कुछ किया जा सकता है, लेकिन इलेक्शन डायरेक्ट होंगे, इसपर अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता। इसके लिए प्रॉक्टर और डीएसडब्ल्यू की कमिटी बनाई गई है। कमिटी की रिपोर्ट पर ही इलेक्शन किस प्रोसेस से हों, फैसला लिया जाएगा। वैसे हमारी कोशिश होगी कि इस साल स्टूडेंट्स यूनियन के इलेक्शन करा लिए जाएं।
इंफ्रास्ट्रक्चर की उठी बात
स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशंस ने कॉलेजेज में खराब इंफ्रास्ट्रक्चर होने की बात भी वीसी के सामने रखी। इनका कहना था कि इलेक्शन कराने के पहले कॉलेजेज के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाए। इसपर, रजिस्ट्रार डॉ अमर चौधरी ने कहा कि इतनी जल्दी तो यह संभव नहीं है, पर आपलोग बताएं कि कहां-कहां इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने की जरूरत है, ताकि यूनिवर्सिटी इस दिशा में स्टेप उठा सके।
वीसी ने स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशंस ने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की तरह यहां स्टूडेंट्स यूनियन के डायरेक्ट इलेक्शन कराना आसान नहीं है. इसपर, स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशंस के डेलिगेट्स ने कहा कि यहां तो इलेक्शन होने के बाद भी इलेक्टेड रिप्रेजेंटेटिव्स को कोई पावर नहीं दिया जाता है। इसपर वीसी ने कहा कि, पहले इलेक्शन कहाने में सहयोग तो कीजिए। दिल्ली यूनिवर्सिटी की तर्ज पर यहां के स्टूडेंट्स यूनियन के रिप्रेजेंटेटिव्स को भी फुल पावर देंगे।