RANCHI : राजस्थान की बीकानेर पुलिस ने एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो हाई प्रोफाइल लोगों का डाटा हैक कर उनसे ठगी कर रहा था। पुलिस ने इस मामले में गुड़गांव की एक महिला वकील समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इनमें तीन ठग झारखंड के हैं। हालांकि, गिरोह का मास्टरमाइंड गिरफ्त से बाहर है। वह नाइजीरिया का बताया जा रहा है। सात माह पहले बीकानेर निवासी नीतू शर्मा के साथ 56 लाख रुपये की साइबर ठगी की जांच के दौैरान पुलिस को इस गैंग के बारे में जानकारी मिली थी।

ऐसे आए गिरफ्त में

बीकानेर पुलिस ने साइबर ठगी के मामले में झारखंड निवासी अजीत कुमार यादव, श्रवण सिंह, वीरेंद्रनाथ उर्फ महाराज गोस्वामी और गिरोह की सह सरगना अनीता को पकड़ा है। अनीता दिल्ली में वकील है और गुड़गांव की रहने वाली है। बीकानेर रेंज के डीआईजी ने बताया कि नीतू ने पिछले साल नवंबर माह में अपने साथ हुई साइबर ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। गैंग ने उससे 56 लाख रुपये विभिन्न खातों में जमा करवा लिए थे। बाद में नीतू ने जब रुपए वापस करने को कहा तो वे मुकर गए। ऐसे में उसे पता चल गया कि वे साइबर ठगी की शिकार हुई हैं।

नाइजीरियाई गैंग का हाथ

पुलिस को करीब चार माह जांच के बाद साइबर ठगी में अंतरराष्ट्रीय स्तर की नाईजीरियाई गैंग का हाथ होने का पता चला, जो दिल्ली में बैठकर साइबर ठगी की वारदात करता है। यह गिरोह विभिन्न वेबसाइट्स से डाटा चुराकर फेसबुक व अन्य सोशल साइटों से व्यक्ति विशेष का प्रोफाइल खंगालता है। फिर उनके चरित्र के अनुसार एसएमएस, ईमेल के जरिए संपर्क करता है। उनसे अलग अलग तरीकों से ठगी कर देश के बैंकों में फर्जी तरीके से खुलवाए गए बैंक खातों में रुपए डलवा लेता है।

कमीशन बेसिस पर चलता है 'खेल'

भारत में नाइजीरियाई होने से यह गिरोह खुद खाते नहीं खुलवा सकता है इसलिए स्थानीय लोगों की मदद से फर्जी आईडी प्रूफ बनवाकर विभिन्न बैंकों में कई खाते खुलवा रखे है। खाता में रुपया आते ही आरटीजीएस व एनईएफटी के माध्यम से ट्रांसफर कर छोटी रकम एटीएम तथा बड़ी रकम सेल्फ चैक से निकलवा ली जाती है। खाते से निकाली गई रकम व गोल्ड की नाइजीरियन को तुरन्त डिलीवरी कर दी जाती है। इस पूरे काम के लिए खाता धारक तथा मध्यस्थ को 10 से 15 प्रतिशत तक का कमीशन दिया जाता है।

Posted By: Inextlive