ऐसा लग रहा है कि जम्‍मू-कश्‍मीर में सरकार को लेकर चला आ रहा गतिरोध अब खत्‍म होने वाला है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पीडीपी और बीजेपी दोनों ने आपस में मिलकर यहां सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. ऐसी स्थितियों में ये तो लगभग तय है कि नई सरकार के मुखिया पीडीपी के मुफ्ती मोहम्‍मद सईद होंगे.

कुछ ही दिनों में लेंगे शपथ
इसका मतलब यह है कि मुफ्ती मोहम्मद सईद ही मुख्यमंत्री होंगे. बताया जा रहा है कि अगर ऐसा हुआ तो वह छह सालों के लिये यहां के सीएम बन जायेंगे. यह भी लगभग तय ही है कि अगले कुछ दिनों के अंदर ही नई सरकार शपथ ले लेगी. बताया जा रहा है कि सरकार के कामकाज के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम की तैयारी हो रही है. इसके बावजूद अभी भी कुछ मुद्दों को लेकर गतिरोध पहले की ही तरह बना हुआ है. मसलन पीडीपी रियासत में आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट हटाने और पाकिस्तान से बातचीत जैसे मामलों पर अड़ा हुआ है.
पाक से हो सकती है वार्ता
इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि इसके बीच का कोई न कोई रास्ता जरूर निकल आयेगा. ऐसा भी हो सकता है कि कुछ शांत इलाकों से कुछ दिनों के लिए आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट हटा लिया जाये और सरकार फिर से भरोसा देती है कि अगर पाकिस्तान भारत के साथ सबंधों को बेहतर बनाने के लिये गंभीर रुख दिखाता है, तो भारत भी इसके लिये तैयार है.
नई सरकार में सज्जाद लोन भी होंगे शामिल
देखा जाये तो रियासत में पहली बार सरकार बनाने के लिये बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद की अपनी जिद को छोड़ दिया है. बताते चलें कि पहले बीजेपी की मांग थी कि राज्य के मुख्यमंत्री का पद तीन-तीन साल के लिए दोनों पार्टियों के बीच बांट दिया जाये. अब दोनों पार्टियों के बीच हुई सहमति के मुताबिक, मुख्यमंत्री का पद छह साल तक के लिए पीडीपी के पास होगा और बीजेपी को उपमुख्यमंत्री का पद ही मिलेगा. इतना ही नहीं स्पीकर का पद भी बीजेपी को ही मिलेगा. खबर है कि नई सरकार में सज्जाद लोन भी शामिल होंगे.
और आगे होगा क्या
इसी के साथ ही बीजेपी और पीडीपी एकसाथ मिलकर राज्यसभा का चुनाव लड़ेंगे, लेकिन इसके ऐलान से बचेंगे. मिली जानकारी के अनुसार फरवरी के दूसरे हफ्ते के शुरू में ही दोनों पार्टी इस समझौते का ऐलान करेंगी. इसके बाद सरकार बनाने का दावा राज्यपाल के पास पेश करेंगी. इसके बाद सरकार का गठन हो जायेगा. अब तक राज्य में सरकार न बनने की हालत में 9 जनवरी से यहां राज्यपाल शासन लागू है. जम्मू-कश्मीर में 87 विधानसभा सीटों के लिए दिसंबर में हुये चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. इससे यहां सरकार गठन को लेकर एक बड़ा संकट खड़ा हो गया. अब चुनाव में पीडीपी 28 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी.

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Posted By: Ruchi D Sharma