इंडिया में पहली बार होने जा रही फार्मूला-1 रेसिंग को लेकर लोगों के मन में जितनी दिलचस्पी है उससे कहीं ज्यादा शायद इंडियन रेसर्स करूण चंडोक और नारायन कार्तिकेयन को लेकर भी है. 2000 में पहली बार लोगों की नजरों में आए करूण 2011 में क्या करिश्मा दिखाते हैं यह तो 28 से 31अक्टूबर के बीच होने वाली रेस के दौरान ही पता चलेगा पर पिछला रिकार्ड कहता है कि इस रेस में करूण एक इंपार्टेंट रोल अदा कर सकते हैं.


26 साल का करुण चंडोक फार्मूला-वन रेसिंग ट्रैक पर एक नये इंडियन पोस्टर ब्वाय है. हालाकि बहरीन ग्रैंड प्रिक्स में हिस्पेनिया रेसिंग टीम के लिए अपने पहले फार्मूला-1 रेस में चंडोक कुछ खास नहीं कर पाए थे फिर भी चंडोक पर कई बाजियां लगी होंगी और इस फास्ट एंड फ्यूरियर गेम में उनकी मौजूदगी ही इंडिया के लिए बहुत बड़ा एचीवमेंट होगी.  2007 में ही नवंबर में रेड बुल रेसिंग फार्मूला वन टीम की ओर से उन्हें टेस्ट ड्राइविंग का इनविटेशन मिला. इसे उनके करियर का एक नया दौर माना जा सकता है. हालांकि, 2008 में वह जीपी 2 सीरीज के साथ जुड़े रहे और आई स्पोर्ट इंटरनेशनल टीम के लिए उन्होंने एक जीत हासिल की और ड्राइवर्स चैंपियनशिप में दसवां स्थान हासिल किया. सीजन के आखिर में उन्हें बेस्ट ड्राइविंग स्टाइल पुरस्कार से भी नवाजा गया.
चंडोक का करिअर काफी उतार चढ़ाव भरा रहा है. चंडोक 2008 में विजय माल्या की फोर्स इंडिया टीम के साथ जुड़े. 2009 में टीम के ड्राइवर फिशेला के फेरारी टीम में शामिल होने के बाद चंडोक उनकी जगह लेने के सबसे बड़े दावेदार थे लेकिन बाद में विटाटोनियो लियुजी को उनकी जगह शामिल कर लिया गया. हालाकि इससे फार्मूला वन रेसिंग में शामिल होने के उनके सपने को गहरा झटका लगा था लेकिन चंडोक ने इसके बाद भी उम्मीद नहीं छोड़ी थी. आखिरकार 2010 स्पेन की हिस्पेनिया रेसिंग एफ 1 टीम के उनके साथ करार के बाद उनका यह सपना पूरा हुआ.

Posted By: Divyanshu Bhard