हिमखंड टूटने से केदारनाथ पैदल मार्ग हुआ खतरनाक
गौरीकुंड से केदारनाथ तक 16 किलोमीटर लंबे मार्ग पर दस स्थानों पर भूस्खलन क्षेत्र
RUDRAPRYAG: फरवरी और मार्च में हुई बर्फबारी और बारिश से केदारनाथ पैदल मार्ग को खासा नुकसान पहुंचा है। गौरीकुंड से केदारनाथ तक क्म् किलोमीटर लंबे मार्ग पर दस स्थानों पर भूस्खलन क्षेत्र सक्रिय हैं। इसके अलावा जगह-जगह हिमखंड और बोल्डर (विशाल पत्थर) गिरने से मार्ग टूट गया है। बीच रास्ते में पड़े हैं बोल्डर मंगलवार को रुद्रप्रयाग की जिलाधिकारी रंजना ने बताया कि केदारनाथ पुनर्निर्माण में जुटे नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने प्रारंभिक सर्वे की रिपोर्ट दी है। उन्होंने बताया कि मार्च में जबरदस्त बर्फबारी के कारण रास्ते को ज्यादा नुकसान पहुंचा है। सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र गौरीकुंड से रामबाड़ा के बीच का भाग है। यहां आठ स्थानों पर पहाड़ से गिरे बोल्डर रास्ते के बीचों-बीच है। कई स्थानों पर रह-रहकर पत्थर भी गिर रहे हैं।डीएम ने बताया कि प्रशासन की एक संयुक्त टीम मार्ग के निरीक्षण के लिए रवाना कर दी गई है। टीम की रिपोर्ट आने पर मार्ग की मरम्मत का खाका तैयार किया जाएगा।
इन जगहों पर है भारी भूस्खलन -गौरीकुंड के पास घोड़ा पड़ाव -घोड़ा पड़ाव से डेढ़ किमी दूर -जंगलचट्टी के पास की पहाड़ी -छोडी गदेरा-भीमबली के निकट
-भैरव गदेरे के पास
-रामबाड़ा से पांच सौ मीटर दूर -लिनचोली के पास -केदारनाथ व लिनचोली के बीच -बेस कैंप के पास स्थित स्लाइडि़ग जोन