शक्ति प्रदर्शन में टूटा आचार संहिता का बंधन
-काशी विद्यापीठ के छात्रसंघ चुनाव में नियम की उड़ी धज्जियां
-वीडियोग्राफी के बाद भी समर्थक लहराते रहे पैम्फलेट व हैंडबिल --Voting के दौरान candidates के समर्थकों में हुई नोकझोंक और झड़प --OMR पर वोटिंग के कारण इस बार स्टूडेंट्स में दिखा खासा उत्साह VARANASIमहात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में सोमवार को छात्रसंघ इलेक्शन के दौरान स्टूडेंट्स में जबरदस्त एक्साइटमेंट देखने को मिला। इसमें मौसम ने भी खूब साथ दिया। छात्रों के जोश व उमंग के आगे चुनाव आचार संहिता का डंडा बौना साबित हुआ। समर्थकों के शक्ति प्रदर्शन में कोड ऑफ डिसिप्लिन का खौफ तार-तार हो गया। वोटिंग के दौरान समर्थकों ने जमकर प्रिंटेड कार्ड, हैंडबिल व पैम्फलेट हवा में उड़ाए। आलम यह रहा कि इंग्लिशिया लाइन से घंटी मिल चौराहे तक पूरा रोड इनसे पट गया। छात्रसंघ के लिए वोटिंग दो बजे तक चली। इस दौरान 4,744 वोटर्स ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
Tight रही securityछात्रसंघ इलेक्शन को देखते हुए कैंपस के साथ ही बाहर में भी सिक्योरिटी के टाइट इंतजाम किए गए थे। विद्यापीठ रोड पर आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। साथ ही आसपास की रोड पर बैरीकेडिंग की गई थी। इसके चलते कैंट स्टेशन आने-जाने वालों के साथ ही आसपास की पब्लिक को परेशानी का सामना करना पड़ा। सुरक्षा के मद्देनजर कैंपस और आसपास में बड़ी संख्या में पुलिस व पीएसी के जवान तैनात किए गए थे। इन सबके बावजूद वोटिंग के दौरान कैंडीडेट्स के समर्थकों का हुजूम यूनिवर्सिटी के आसपास व मेन गेट पर पूरे दिन नारेबाजी करता रहा। हालांकि डिस्ट्रिक्ट व यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन लगातार छात्रों की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखे हुए था। इलेक्शन से लेकर काउंटिंग तक की निगरानी के लिए जगह-जगह सीसी कैमरे लगाए गए थे। इसके अलावा वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी कराई जा रही थी। इसके बावजूद समर्थकों व सुरक्षा में लगे जवानों के बीच कई बार नोंकझोंक व धक्का मुक्की हुई।
वाहनों से लाए गए voters मतदान सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक चला। इस बीच दूर दराज के वोटर्स को वाहनों से लाने का जमकर प्रयोग हुआ। बताया जाता है कि विभिन्न कैंडीडेट्स के समर्थकों ने वोटर्स को घर से लाने व पहुंचाने के लिए बाकायदा वाहन लगा रखा था। यही नहीं इनके नाश्ते व भोजन का भी इंतजाम किया गया था। बादलों ने दिया साथसुबह से ही आसमान में छाए बादल प्रत्याशियों, समर्थकों व रणनीतिकारों को वोटिंग खत्म होने तक चिंतित किए हुए थे। वो बार-बार भगवान से यही मना रहे थे कि बस किसी तरह मतदान हो जाए। भगवान ने उनकी सुन भी ली। दो बजे जैसे ही मतदान खत्म हुआ उसके थोड़ी देर ही बाद बारिश शुरू हो गयी।