Society इसे breakup कहती होगी लेकिन इनके लिए ये प्यार तलाशने का process भी हो सकता है. एक खराब रिश्ते से बाहर आएंगे तभी तो किसी बेहतरीन रिश्ते की ओर कदम बढ़ाएंगे. Society इनके affairs को casual fling कहती होगी लेकिन इनके लिए ये long term relationship की शुरुआत है.


Youngsters की नज़र से देखिए तो अंतर सिर्फ perception का है. इस  perception की ज़मीन है बेहद clear और concrete facts पर...फिल्मों में तो ये कभी यहां, कभी वहां दिल अटकाते दिखते हैं. एफबी प्रोफाइल में रिलेशनशिप स्टेटस भले ही कमिटेड दिखाए, लेकिन स्टेटस अपडेट्स अक्सर इशारा करते हैं कि परफेक्ट पार्टनर की खोज अभी जारी है. प्यार की शुरुआत का डिक्लेयरेशन भी खुलेआम होता है और ब्रेकअप का भी. ये कंफ्यूजन है या कंफ्यूजन मिटाने की कोशिश? दिल्ली में एक प्राइवेट मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट से एमबीए कर रहे ओमांग कहते हैं,‘असल में ये एक नॉर्मल प्रोसेस है. इसमें कांप्लिकेटेड कुछ नहीं. कांप्लिकेटेड ये तब लगेगा जब आप दस साल पहले की प्रैक्टिसेस से इसे जोड़कर देखेंगे.


हमारे रिएक्शन या रिलेशनशिप को लेकर हमारा अप्रोच वैसा कैसे हो सकता है जब आस-पास चीज़ें ही वैसी नहीं रह गई हैं?’ ओमांग की इस बात का कनेक्शन करीब दो साल पहले आई फिल्म लव आज कल के एक डायलॉग में छिपा हो सकता है. जिसमें ऋषि कपूर के अपने प्यार को सुपरफीशियल कहने का जवाब सैफ अली खान कुछ यूं देते हैं: हां, आपका प्यार प्यार, हमारा प्यार सेक्स!

हो सकता है कि लम्बे वक्त से रिलेशनशिप को दबा-छिपाकर रखने के आदी इंडियन मिडिल क्लास के लिए एक पूरी की पूरी जनरेशन का प्यार के मामलों में ज्यादा एक्सप्रेसिव होने का ये चेंज फैसिनेशन भरा हो. ये भी हो सकता है कि अफेयर से ज्यादा ब्रेकअप के फ्रीडम ने इस थॉट को ट्रिगर किया हो. लेकिन इंडियन सोसाइटी में अनसक्सेसफुल रिलेशनशिप्स कोई नए नहीं हैं. बस सोसाइटी के प्रेशर की वजह से उनसे निकलने की हिम्मत लोग नहीं कर पाए. पुणे में सॉफ्टवेयर डिज़ाइनर, कानपुर के वरुण वर्मा कहते हैं, ‘कोई नया रिश्ता आप सुकून के लिए बनाते हैं. खुशी के लिए. और अगर उसमें खुशी ही ना मिले तो आपको उसे ज़बरदस्ती ढ़ोना क्यों चाहिए?’ ये क्यों सवाल कम, जवाब ज़्यादा है. रिलेशनशिप के पर्पज़ को लेकर ये क्लैरिटी एक और जवाब में दिखती है. क्या यंगस्टर्स के लिए प्यार वो पुराने वक्त का मरते दम वाला फलसफा ही है? मेजॉरिटी (43 परसेंट) यंगस्टर्स की प्रायॉरिटी तो कम से कम यही है. हालांकि वे इस बात पर भी क्लीयर हैं कि अगर रिलेशनशिप ही चलने के लिए ना हो तो उसे ढ़ोना अधिकतर यंगस्टर्स को गवारा नहीं होगा.

सर्वे के दौरान, हमारे सामने एक सवाल बनकर खड़े हुए अनयूज़ुअल कपल्स (सोसाइटी के ट्रेडिशनल पैरामीटर्स पर), सोसाइटी के नॉर्म से अलग दिखने वाले कपल्स. रिलेशनशिप में लडक़ी की एज लडक़े से कम ही होनी चाहिए, क्या ये नॉम्र्स मेट्रो शहरों के यंगस्टर्स की तरह टियर टू सिटीज के यूथ के लिए भी मीनिंगलेस हो चुके हैं? या क्या यंगस्टर्स किसी ऐसे को डेट करना पसंद करेंगे जो पहले कभी किसी रिलेशनशिप में रहा हो.महज 24 परसेंट यंगस्टर्स ने कहा कि ये उनकी प्रायॉरिटी में नहीं है, जबकि बाकियों को पार्टनर की एज या उसके पास्ट रिलेशनशिप से कोई प्रॉब्लम नहीं. हां, जवाब के फर्दर बाइफरकेशंस ये जरूर बता रहे हैं कि अपने से बड़ी एज के किसी को डेट करने के लिए उसे उनके पैरामीटर्स पर खरा उतरना होगा. यानी उसके लुक्स, सक्सेस, पर्सनैलिटी जोरदार हो तो एज कुछ खास मैटर नहीं करती.क्या आप अपने से बड़े उम्र के किसी को डेट करेंगे? सिर्फ 11 परसेंट मेल रिस्पांडेंट्स ने कहा कि अपने से बड़ी या पास्ट में कोई रिलेशनशिप रखने वाली लडक़ी को वह डेट नहीं करना चाहेंगे. सिर्फ 11 परसेंट लड़कियों ने भी इस सवाल पर यही जवाब दिया.•31 परसेंट मेल रिस्पांडेंट्स की जगह सिर्फ 24 परसेंट फीमेल रिस्पांडेंट्स ने कहा कि वह ब्वॉयफ्रेंड को ब्रेकअप के लिए सीधे कहेंगी.
•टाइमपास या बस नाम के लिए अफेयर रखना चाहने वाले यंगस्टर्स का परसेंटेज बेहद कम निकला. रिलेशनशिप सक्सेसफुल हो या नहीं, स्टार्ट करते वक्त अधिकतर (43 परसेंट) यंगस्टर्स की प्रायॉरिटी में लांग टर्म रिलेशनशिप ज़्यादा है.

Posted By: Surabhi Yadav