-सर्किट हाउस में महिला आयोग की सदस्य रश्मि जायसवाल ने सुनी समस्याएं

-पुलिस डिपार्टमेंट से नहीं पहुंचा कोई भी अफसर, लगाई फटकार

बरेली: एमएससी की एग्जाम चल रहे हैं, लेकिन दबंगों के डर से फ्रेंड के घर पर रहकर एग्जाम दे रही हूं। दबंग पड़ोसी छेड़खानी करता है। मकान पर कब्जा करना चाहता है। यह दर्द वेडनसडे को पीलीभीत बाईपास की रहने वाली एक स्टूडेंट ने राज्य महिला आयोग की सदस्य रश्मि जायसवाल के सामने बयां किया। सर्किट में सुनवाई के दौरान 13 लेडीज ने प्रॉब्लम्स बताई लेकिन सिर्फ दो ही सॉल्व हो पाई। बाकी मामलों ने उन्होंने जल्द निस्तारण का आश्वासन दिया है।

सीओ को फटकारा

महिला आयोग की सदस्य के सामने एमएससी की स्टूडेंट ने आरोप लगाया कि पड़ोसी दबंग पांच जनवरी को दोस्तों के साथ आया और दुष्कर्म से जुड़े मामले में बयान वापस लेने के लिए धमकाया। जातिसूचक शब्द कहे। पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। जिस पर उन्होंने पूछा, सीओ हैं तो जवाब मिला नहीं। उन्होंने फौरान सीओ को फोन मिलावाया तो सीओ ने कहा, वह व्यस्त हैं। जिस पर आयोग की सदस्य आयोग की सदस्य भड़क गई। कह दिया कि सुनवाई करने इतनी दूर से आते हैं तो क्या हम मूर्ख हैं? उन्होंने डीएम से शिकायत करने की बात कही।

पति के पास समय नहीं

सुभाषनगर थाना क्षेत्र के मढ़ीनाथ की रहने वाली महिला ने बताया कि उसके हसबैंड सचिन उसको टाइम नहीं देते हैं। परिवार वाले भी उसी को सपोर्ट करते हैं। विरोध करने पर मारपीट करते हैं। जिस पर आयोग की सदस्य रश्मि जायसवाल ने सचिन और उसके परिवार वालों को तलब किया तो पता चला कि मामला परिवार परामर्श केन्द्र में भी चल रहा है जहां पर सचिन पक्ष नहीं पहुंचता है। उन्होंने दोनों पक्षों को समझाने के बाद गले मिलवाया। इसके बाद दोनों पक्ष एक साथ रहने को तैयार हो गए।

अफसर मांग रहे दो हजार

48-बाग ब्रिगटान की रहने वाली दयावती पत्‍‌नी स्व। लालता प्रसाद ने बताया कि वह गरीब है, उसके तीन बच्चे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उसने प्रार्थना पत्र दिया। सूची में उसका नाम भी आ गया, लेकिन डूडा अफसर दो हजार रुपए की रिश्वत मांग कर रहे हैं। रिश्वत की बात सुनते ही आयोग की सदस्य का पारा चढ़ गया और उन्होंने डूडा पीओ को तुरंत तलब किया और महिला की पूरी बात बताई। हालांकि डूडा ऑफिस से पहुंची पीओ ने प्रक्रिया पूरी कर आवास दिलाने का भरोसा दिया।

11 को मिला सिर्फ आश्वासन

सर्किट हाउस में जनसुनवाई के दौरान घरेलू विवाद, कब्जा और जॉब से निकालने आदि 11 मामले आए थे लेकिन उनकी प्रॉब्लम्स मौके पर साल्व नहीं हो पाई। आयोग की सदस्य ने संबंधित विभागों के अफसरों को प्रॉब्लम्स नोट कराकर जल्द सॉल्व करने को कहा है।

यह लोग रहे मौजूद

जनसुनवाई के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट मदन कुमार, एसीएमओ डॉ। रंजन गौतम और डिप्टी सीपीओ नीता अहिरवार, खंड शिक्षाधिकारी राजीव श्रीवास्तव, निशा, पिंकी, सहायक सूचना निदेशक नरसिंह, महिला कल्याण अधिकारी सोनम शर्मा और 181 की टीम भी मौजूद रही।

Posted By: Inextlive