भारत के बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को कल संयुक्त रूप से 2014 के शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्‍मानित किया गया. दोनों को यह पुरस्कार नॉर्वे के ओस्लो में दिया गया. सत्यार्थी और मलाला दोनों पुरस्कार की 11 लाख डॉलर की राशि साझा करेंगे. इनके अलावा 9 अन्‍य लोगों को भी इस अवार्ड से सम्‍मानित किया गया.


नोबेल पुरस्कार के हकदारभारत-पाकिस्तान को पहली बार साझा नोबेल मिला है. वह भी उस समय जब दोनों देशों के संबंधों पर सबके मन में एक सवाल है मलाला यह सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की हैं. सत्यार्थी और मलाला दोनों पुरस्कार की 11 लाख डॉलर की राशि साझा करेंगे. नॉर्वे की नोबेल समिति के प्रमुख थोर्बजोर्न जगलांद ने पुरस्कार देने से पहले कहा कि सत्यार्थी और मलाला उन्हीं लोगों में से एक हैं, जिन्हें अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी वसीयत में शांति का मसीहा कहा था. ये दोनों हकीकत के धरातल पर समाज के उत्थान और शांति के लिए लगे हैं.दोनो को मिला साझा पुरस्कारमलाला यूसुफजई ने नोबेल की राशि मलाला फंड में दान करते हुए कहा कि यह रकम लड़कियों की शिक्षा के रूप में काम आएगी.
इस मौके पर सत्यार्थी ने हिंदी और फिर अंग्रेजी में दिए अपने भावुक संबोधन में कहा कि उन्हें उन हजारों बच्चों का स्मरण हो रहा है, जिनको आजाद करने में वह खुद मुक्त होते रहे हैं. सत्यार्थी ने अपने संबोधन में मलाला का जिक्र भी किया और उसे अपनी बहादुरी बेटी बताते हुए कहा, आज की सबसे बड़ी बात यह है कि एक बहादुर पाकिस्तानी बेटी की अपनी भारतीय पिता से मुलाकात हुई. वहीं एक भारतीय पिता को अपनी पाकिस्तानी बेटी से मिलने का मौका मिला है.सत्यार्थी के इस संबोधन के दौरान पूरा हॉल कई बार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था.सबसे अलग है नोबेल पदकनोबेल पुरस्कार के रूप में मिलने वाला हर पदक करीब 175 ग्राम का और 18 कैरेट के ग्रीन गोल्ड से बना होता है. इस पर 24 कैरेट सोने का पानी चढ़ा होता है. इस पदक को निशान से बचाने के लिए अंतिम रूप देते समय बहुत सूक्ष्म प्रक्रिया से गुजरना होता है. फीजिक्स, कैमिस्ट्री, मेडिसिन और साहित्य में दिया जाने वाला पदक स्वीडिश कलाकार एरिक लिंडबर्ग ने डिजायन किया था जबकि शांति पुरस्कार के पदक को नार्वे के गस्ताव विगेलैंड ने डिजायन किया. नार्वे नोबेल समिति के पदक पर अल्फ्रेड नोबेल को अन्य पदकों से अलग डिजाइन में दिखाया गया है.ये हैं 2014 के नोबेल विजेतासाहित्य : फ्रांस के पैट्रिक मोडियानोफिजिक्स : जापान के इसामू अकासाकी, हिरोशी अमानो और जापानी मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक शुजी नकामुराकेमिस्ट्री : अमेरिकी वैज्ञानिक एरिक बिट्जिग, विलियम मोर्नर और जर्मन वैज्ञानिक स्टीफन हेलमेडिसिन : ब्रितानी-इकॉन्मिस्ट ज्यां तिरोलशांति : कैलाश सत्यार्थी और मलाला यूसूफजई (संयुक्त)

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Posted By: Satyendra Kumar Singh