Manage your office at home
ये बात सही है कि घर में ऑफिस होने से वर्क प्रेशर कम रहता है और आप अपनी कम्फर्टेबिलिटी के अकॉर्डिंग काम भी कर सकते हैं, लेकिन फिर भी ऑफिस का माहौल घर से काफी अलग होता है. आर्किटेक्ट मयंक त्रिपाठी का कहना है, ‘ऑफिस का अरेंजमेंट करते समय सबसे पहले यह एनालाइज करना बेहद जरूरी है कि आप किस पर्पज से ऑफिस बना रहे हैं. जाहिर सी बात है कि ऑफिस में तमाम लोगों का आना-जाना लगा ही रहता है. ऐसे में स्पेस का खास ख्याल रखें. इसके अलावा ऑफिस और घर का एंट्रेंस अलग-अलग रखें तो बेहतर होगा.’Choose a dedicated area
ऐसी जगह चुनें जहां फैमिली मेम्बर्स का आना-जाना कम हो. गेस्ट रूम या लिविंग रूम अच्छी च्वॉइस हो सकती है. हां, उनका एंट्रेंस घर के बाकी एरिया से अलग होनी चाहिए. ऐसा करने से आप अपने पर्सनल स्पेस को प्रोफेशनल स्पेस से अलग रख सकते हैं. ऑफिस का वॉशरूम भी घर के वॉशरूम से अलग होना चाहिए.Balance workspace
होम ऑफिस का मतलब ये नहीं है कि आप एक टेबल, दो चेयर डालकर काम कर रहे हैं. अगर स्पेस कम भी है तो आप उस स्पेस को क्रिएटिवली यूज कर सकते हैं. फाइल्स वगैरह रखने के लिए मल्टी पर्पज रैक बनवा सकते हैं. आर्किटेक्ट मयंक त्रिपाठी बताते हैं, ‘ऑफिस और केबिन में अंतर होता है. ऑफिस में केबिन की तरह दो चेयर रखकर काम नहीं चलाया जा सकता है फिर भी अगर स्पेस कम है तो आप सेट्टी, सेंटर टेबल के साथ चेयर्स रख सकते हैं.’
ऑफिस का इंटीरियर पूरे घर से अलग होना चाहिए. ऑफिस कर्टन घर में लगे कर्टन से अलग होने चाहिए. अलग कलर के ऑफिस कर्टन यूज करने से ऑफिस एरिया घर से अलग दिखेगा. घर में अगर ऑफिस खोलना चाहते हैं तो फर्नीचर्स को स्पेस के अकॉर्डिंग चुनें. बता रहे हैं इंटीरियर डिजाइनर आलोक जैन से घर पर ऑफिस खोलना चाहते हैं तो पोर्टेबल फर्नीचर खरीदें. रूम छोटा है तो कॉर्नर का यूज करें, जिससे क्लाइंट को बैठने की जगह मिलें.ऑफिस में डॉक्यूमेंट्स और कई जरूरत की चीजें को रखने के लिए ऐसी टेबल सेट को चुने जिसमें कैबनेट्स भी हों. फर्नीचर बहुत ही सिंपल होना चाहिए.