माइक्रोसॉफ्ट आज दुनिया भर में विंडोज़ 10 लॉन्च करने वाला है। विंडोज़ 8 के काफी ख़राब प्रदर्शन के बाद इस बार माइक्रोसॉफ्ट के लिए विंडोज़ 10 पर बहुत कुछ निर्भर करता है। विंडोज़ 10 माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से पहला ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम होगा जो सभी साइज के डेक्सटॉप लैपटॉप मोबाइल और टैबलेट पर भी काम करेगा।


अमरीका से ऑस्ट्रेलिया तक में ग्राहकों के स्मार्टफोन को पसंद करने की वजह से माइक्रोसॉफ्ट को भी उनके पसंद का प्रोडक्ट बनाना पड़ रहा है।चीन और भारत समेत कई ऐसे देश हैं जहां ऐसे लोग हैं जिन्होंने डेस्कटॉप या लैपटॉप इस्तेमाल नहीं किया है और वो सिर्फ मोबाइल इंटरनेट जानते हैं।एक साल तक मुफ़्त चला सकेंगेये पांच वजह है कि माइक्रोसॉफ्ट ने अपने सॉफ्टवेयर में इतना बदलाव किया है कि अब उसे मोबाइल पर भी ध्यान देना पड़ रहा है। 1. विंडोज़10 के लॉन्च के साथ माइक्रोसॉफ्ट की कोशिश है कि जो लोग उसके प्रोडक्ट को डेस्कटॉप या लैपटॉप के लिए इस्तेमाल करते हैं वो अब उसे टैबलेट और मोबाइल पर भी इस्तेमाल करें।


दुनिया भर के 90 फीसदी से भी ज़्यादा कंप्यूटर पर विंडोज़ का ऑपरेटिंग सिस्टम चलता है। लेकिन दुनिया भर की 80 फीसदी स्मार्टफोन पर एंड्रॉइड का ऑपरेटिंग सिस्टम चलता है.पिछले दशक में माइक्रोसॉफ्ट ने मोबाइल फ़ोन के लिए सॉफ्टवेयर पर ध्यान नहीं दिया। माइक्रोसॉफ्ट डेस्कटॉप पर अपनी पकड़ को अब मोबाइल फ़ोन पर भी देखना चाहती है।

फिलहाल स्मार्टफोन के बाजार में सिर्फ तीन फीसदी लोग विंडोज़ फ़ोन इस्तेमाल करते हैं। 2. लोग अब डेस्कटॉप या लैपटॉप से ज़्यादा टैबलेट या मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसकी वजह है मोबाइल और टैबलेट हमेशा आपके पास रहते हैं और उन्हें ऑन करने में कंप्यूटर की तरह समय नहीं लगता है।इसीलिए मोबाइल कंप्यूटिंग का चलन पिछले कुछ सालों में ज़बरदस्त ढंग से बढ़ा है। 3. डेस्कटॉप और लैपटॉप की बिक्री में बढ़त की रफ्तार अब घट रही जबकि स्मार्टफोन की बिक्री की रफ़्तार अभी थमती दिखाई नहीं देती है।नए ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे उबुंटु, Tizen, मीगो, वर्डिक्ट से मोबाइल फ़ोन में और बदलाव की उम्मीद की जा सकती है। 4. एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम ओपन होने के कारण दुनिया भर में उसके लाखों डेवलपर्स हैं। वो उसके लिए एप्स बनाते हैं जिसके कारण लोग एंड्रॉइड को पसंद करते हैं।विंडोज़ के लिए डेवलपर्स की ऐसी फ़ौज नहीं तैयार हो पायी है जो और न ही ऐसे एप बने जो लोगों में हिट हों। डेस्कटॉप या लैपटॉप के बाजार में भी ऐसे एप नहीं बन रहे हैं। 5. मोबाइल फ़ोन के कारण अब कंप्यूटिंग दुनिया के कोने-कोने में पहुंच रही है। इसलिए सस्ते मोबाइल, सस्ता ऑपरेटिंग सिस्टम और सस्ता सॉफ्टवेयर दुनिया भर के लोग ज़्यादा संख्या में पसंद कर रहे हैं।20 साल में नहीं हुआ बदलाव

विंडोज़ कंप्यूटर भारत में करीब 20 साल में भी वो बदलाव नहीं ला पाया है जो एंड्रॉइड ने 20 सितम्बर, 2008 को लॉन्च करके दुनिया भर में बदलाव कर दिखाया है। अगले एक साल में माइक्रोसॉफ्ट चाहेगा कि ग्राहक उसे बताएं कि विंड़ोज़ 10 कैसा है। सॉफ्टवेयर की दुनिया में इसको UAT यानि user acceptance test कहते है।UAT के बाद अगर ग्राहकों ने हामी भर दी तो माइक्रोसॉफ्ट ने 1990 के दशक में डेस्कटॉप के लिए जैसा इतिहास रचा था, वो दिन वापस आने की उम्मीद कर सकता है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh