वीरान पड़ी है एएसआई संरक्षित चौबुर्जी
-एक ओर वर्ल्ड हेरिटेज वीक में एएसआई चला रहा है अवेयरनेस प्रोग्राम्स
-दूसरी ओर वीरान पड़ी हैं कई एएसआई संरक्षित मॉन्यूमेंट्स आगरा। एएसआई वर्ल्ड हेरिटेज वीक मना रही है, इस पूरे वीक मॉन्यूमेंट्स को संरक्षित रखने के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम्स चलाए जा रहे हैं। लेकिन एत्माद्दौला के सामने स्थित एएसआई संरक्षित चौबुर्जी एक कोने में वीरान पड़ी है। इस ऐतिहासिक मॉन्यूमेंट के बारे में एएसआई को कोई ख्याल नहीं है। चौबुर्जी में बाबर के शव को छह माह तक रखा गया था, बाद में उसे काबुल ले जाया गया। इतिहास में इसका वर्णन होने के कारण टूरिस्ट्स इसे देखने आते हैं। लेकिन उन्हें यहां आकर इमारत के बाहर ताला लगा मिलता है। चार बुर्जी के कारण पड़ा चौबुर्जी नामचौबुर्जी में चार बुर्जी हैं। इसके पीछे हमाम हुआ करता था, जिसके अब अवशेष मात्र है। इसमें चार टैंक भी हैं, जिनमें पानी भरा रहता था। इससे यहां फाउंटेन चलते थे। इस इमारत की खास बात ये है कि इसके किसी भी कोने में बैठने से लगातार हवा आती है। चार बुर्जी होने के कारण इसका नाम चौबुर्जी पड़ा।
बाबर ने बनवाया था चारबाग1526 में बाबर आगरा आया तो उसने यमुना के किनारे आरामबाग और चारबाग बनवाया। बाबर के टाइम में चारबाग में पॉश एरिया होता था। यह रामबाग की तरह आबाद था। यहां बहुत पेड़ हुआ करते थे। ये एक हराभरा पीसफुल प्लेस हुआ करता था। लेकिन आज यहां पूरे इलाके में कब्जा हो चुका है। चौबुर्जी में जहां बाबर के इंतेकाल के बाद उसके शव को दफनाया गया। बाद में बाबर की इच्छानुसार उसके शव को काबुल ले जाकर दफनाया गया था।
यहां पर बाबर के शव को छह महीने तक रखा गया था। इसके बाद उसके शव को काबुल ले जाकर दफन कर दिया गया। आज इस मॉन्यूमेंट की बेकदरी हो रही है। -शकील चौबुर्जी में दो शाही कुए हुआ करते थे जो शायद अब बंद हो गये हैं। यहां चारबाग में बहुत पेड़ थे लेकिन अब यहां लोगों ने कब्जा कर लिया है। -हाफिज हारुन कुछ टाइम पहले चौबुर्जी में एएसआई द्वारा काफी संरक्षण कार्य किया था। लेकिन अचानक बंद कर दिया। अब यहां कोई गार्ड नहीं रहता। इस कारण यहां काफी बंदर रहते हैं। -सुल्तान चौबुर्जी के बारे में पढ़ा था इसलिए यहां विजिट करने आया लेकिन यहां पर ताला बंद है। -अर्सलान अंसारीवहां नियमित गार्ड रहता है। किसी कारणवश वह वहां नहीं था। टूरिस्ट्स को टाइम कम होता है, ऐसे में वे सारी इमारत कैसे विजिट करेंगे। फिर भी हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। हम एफएम के माध्यम से इन इमारतों की ब्रांडिंग कर रहे हैं।
-डॉ। वसंत कुमार स्वर्णकर