हिमालय की गोद में बसे नेपाल में शनिवार को शक्तिशाली भूकंप के झटकों ने बर्बादी की नई इबारत लिख दी. हर ओर तबाही का मंजर हर चेहरे पर दहशत आंखों में आंसू और आसमान में मलबे का गुबार है. 7.9 की तीव्रता वाले भूकंप से 800 की मौत हो गई है. मृतकों का आंकड़ा हर बीतते पल के साथ बढ़ रहा है. देश में आपातकाल लगा दिया गया है.

धरहरा टावर के मलबे से मिले 180 शव
राजधानी काठमांडू और दूसरे सबसे बड़े शहर पोखरा में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. यूनेस्को विश्व विरासत स्थल में शुमार काठमांडू का दरबार चौक, ऐतिहासिक धरहरा टावर पूरी तरह बर्बाद हो गया है. धरहरा टावर के मलबे से खबर लिखने तक 180 शव बरामद हो चुके थे. वहां कुछ और लोगों के दबे होने की आशंका है. जनकपुर के नौलखा  मंदिर को भी नुकसान की खबरें हैं. एवरेस्ट का बेस कैंप तबाह हो गया है और हिमस्खलन शुरू हो गया है. वहां आठ के मरने की खबर है.
लामजुंग था भूकंप का केंद्र
भूकंप का केंद्र पोखरा से 73 किमी पूर्व में स्थित लामजुंग में दो किमी गहराई में था. पहला झटका स्थानीय समयानुसार सुबह के 11 बजकर 56 मिनट पर महसूस किया गया. इसके बाद थोड़ी-थोड़ी देर पर कम से कम 16 और झटके महसूस किए गए. नेपाल में धरती इतने जोर से 81 साल बाद हिली है. इससे पहले 1934 में 8.4 की तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें 8500 लोगों की मौत हो गई थी.

-एक के बाद एक 17 झटके

-हेलीकॉप्टर ले रहे जायजा
-आपातकाल घोषित
-दरबार चौक बर्बाद
-धरहरा टावर जमींदोज
-जनकपुर में नौलखा मंदिर को नुकसान
-एवरेस्ट का बेस कैंप तबाह, 8 मरे, हिमस्खलन शुरू
-संचार सेवाएं ध्वस्त
-सड़कों पर चल रहा इलाज
-काठमांडू हवाई अड्डा बंद

काठमांडू का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बंद

भूकंप के कारण काठमांडू का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बंद कर दिया गया है. जगह-जगह सड़के धंसने से वाहनों की रफ्तार थम गई. अस्पतालों में जगह नहीं होने के कारण सड़कों पर घायलों का इलाज किया जा रहा है. संचार सेवाएं भी ध्वस्त हो गई हैं.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari