- सिटी में कई जगह शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण में नहीं रखा गया है दिव्यांगों का ध्यान

- रैंप की नहीं व्यवस्था, सीढि़यों के सहारे दुकान तक पहुंचते हैं दिव्यांग

GORAKHPUR: सिटी के ज्यादातर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में दिव्यांग आज भी शॉपिंग करने के लिए सीढि़यां चढ़ने को मजबूर हैं। विभिन्न जगहों पर दिव्यांगजनों के लिए मौजूद सुविधाओं के रियलिटी चेक के क्रम में गुरुवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का हाल जानने निकली। ज्यादातर जगहों पर दिव्यांगों के लिए रैंप से लेकर दुकानों तक पहुंचाने और वापस सड़क तक लाने की कोई व्यवस्था नजर नहीं आई। वहीं इन शॉपिंग कॉम्प्लेक्सों की सीढि़यां भी काफी ऊंची हैं जिनपर चढ़ना भी दिव्यांगों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है।

बलदेव प्लाजा

दोपहर करीब एक बजे टीम हॉर्ट ऑफ सिटी गोलघर स्थित बलदेव प्लाजा में पहुंची। यहां पर कोई रैंप नहीं है। एक दुकानदार जो खुद दिव्यांग हैं वह भी बड़ी मुश्किल से कॉम्प्लेक्स की अपनी दुकान तक सीढि़यां चढ़कर पहुंचते हैं। हालांकि कई बार कॉम्प्लेक्स के कर्मचारी दिव्यांग के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था करने की बात करते हैं लेकिन आज तक व्यवस्था नहीं हो सकी। हालांकि कॉम्प्लेक्स के जिम्मेदारों का कहना है कि इधर यहां आन वाले दिव्यांगजनों की संख्या बढ़ी है। जल्द ही व्हील चेयर भी रख दिया जाएगा। साथ ही सीढि़यों को तोड़कर रैंप की भी व्यवस्था कराई जाएगी जिससे दिव्यांगों को कोई दिक्कत न हो।

मंगलम टावर

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम दोपहर 1.30 बजे मंगलम टावर पहुंची। यहां भी न तो रैंप दिखे और न ही दिव्यांगों के लिए दूसरी कोई व्यवस्था नजर आई। इस टावर में बैंक, एटीएम, सहित करीब दर्जनभर मल्टीनेशनल कंपनियों के ऑफिस हैं। टीम ने इस संबंध में टावर के जिम्मेदारों से बात की तो उन्होंने बताया कि जल्द ही रैंप बनवाए जाएंगे। साथ ही दिव्यांगों के लिए बिल्डिंग को अन्य सुविधाओं से भी लैस किया जाएगा।

कोट्स

मैं दोनों पैरों से दिव्यांग हूं। अक्सर शहर में शॉपिंग करने के लिए दुकानों पर आना पड़ता है लेकिन शॉपिंग कॉॅम्प्लेक्स में दिव्यांगों के लिए रैंप की व्यवस्था नहीं है इसलिए सीढि़यां चढ़कर दुकानों पर पहुंचना पड़ता है। जिम्मेदार भी ध्यान नहीं देते हैं।

- विरेंद्र जायसवाल

शहर का सबसे बड़ा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बलदेव प्लाजा है। लेकिन अभी तक यहां पर दिव्यांगों के लिए रैंप की व्यवस्था नहीं हो सकी है। आज भी दिव्यांग सीढि़यां चढ़कर दुकानों तक आते हैं जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है।

गुड्डू

शहर में बड़े-बड़े कॉम्प्लेक्स तो बन गए हैं लेकिन उनमें रैंप की व्यवस्था नहीं है। संबंधित विभागों की भी जिम्मेदारी है कि वह नक्शा पास करने से पहले इन व्यवस्थाओं पर भी ध्यान दें।

साकिब

Posted By: Inextlive