बांबे हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि दुष्कर्म के कारण बिन ब्याही नाबालिग मां से जन्मे बच्चे मुकदमे की संपत्ति नहीं हैं. कोर्ट ने एनजीओ की ओर से ऐसे बच्चों को गोद लेने के लिए मुक्त करने की मांग पर विचार करते हुए यह निर्देश दिया.


एडॉप्शन सेंटर की याचिका पर सुनवाईस्नेहालय स्नेहांकुर एडॉप्शन सेंटर की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस आरएम बोर्डे और आरवी घूघे की पीठ ने बाल कल्याण समिति के उस आदेश को रद कर दिया, जिसमें समिति ने ऐसे ही एक मामले में संबंधित कोर्ट (जहां दुष्कर्म का मामला चल रहा है) और जांच करने वाले पुलिस अधिकारी से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने का निर्देश दिया था. पीठ ने कहा कि ऐसे मामलों में पुलिस या कोर्ट से अनापत्ति प्रमाणपत्र पेश करने का निर्देश देने की आवश्यकता नहीं है. कोर्ट के मुताबिक यदि बच्चे के अभिभावक गोद लेने की स्वीकृति दे देते हैं तो ऐसे मामलों में समिति को आवेदन मिलने पर छह सप्ताह में मंजूरी दे देनी चाहिए.

Posted By: Satyendra Kumar Singh