सीरिया मुद्दे पर प्रस्ताव लाने के लिए सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य अगर सहमत हो जाते हैं तो ये सीरिया संकट को दूर करने के लिए रूस और अमरीका की मदद से बनाई गई शांति योजना के लिए एक बड़ा क़दम होगा.


रूस और अमरीका की मध्यस्ता से हुए समझौते के मुताबिक सीरिया एक सप्ताह के अंदर अपने सभी रासायनिक हथियारों को सार्वजनिक करेगा और 2014 के मध्य तक उनको नष्ट कर देगा.प्रस्ताव के मसौदे से संबंधित कई मुद्दों पर पहले ही सहमति बन चुकी है.फ़्रांस, ब्रिटेन और क्लिक करें अमरीका सैन्य कार्रवाई की धमकी वाला प्रस्ताव चाहते हैं, जबकि रूस इसका विरोध करता है.पिछले महीने 21 अगस्त को सीरिया के घाउटा में हुए कथित रासायनिक क्लिक करें हमले के बाद पिछले सप्ताह अमरीका ने सीरिया पर हमले की धमकी दी थी.रूस ने अमरीकी हमले की धमकी का विरोध किया था, जिसके बाद दोनों के बीच सीरिया के रासायनिक हथियारों को अंतरराष्ट्रीय निगरानी में रखे जाने पर समझौता हुआ था.संयुक्त राष्ट्र ने की पुष्टि


सोमवार को संयुक्त राष्ट्र जांच दल की रिपोर्ट ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि घाउटा में सारिन गैस के हमले किए गए. हालांकि रिपोर्ट ने इसके लिए किसी को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया था.

लेकिन रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लैवरॉव ने इसका विरोध करते हुए कहा, ''हमें इस बात पर भरोसा करने के गंभीर आधार हैं कि विद्रोहियों ने उकसाया था. लेकिन सच्चाई को स्थापित करने की ज़रूरत है और ये सुरक्षा परिषद के लिए एक चुनौती है.''उनके अनुसार सीरिया के रासायनिक हथियारों के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र का ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं होना चाहिए जिसमें सैन्य कार्रवाई की धमकी दी जाए.इससे पहले सीरिया के ख़िलाफ़ सुरक्षा परिषद के तीन प्रस्ताव को रूस और चीन मिलकर गिरा चुके हैं.

Posted By: Satyendra Kumar Singh