पाकिस्‍तान की तीसरी और दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी मस्जिद रविवार को आम जनता के लिये खोल दी गई. आपको बता दें कि इसे बनाने में करीब 100 करोड़ रुपये का खर्च आया है.

पाकिस्तान की तीसरी बड़ी मस्जिद
पाकिस्तान द्वारा बनाई गई यह मस्जिद पाकिस्तान की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद है. पाकिस्तान में बादशाही मस्जिद और फैजल मस्जिद के बाद भारिया टाउन जामिया मस्जिद तीसरी बड़ी मस्जिद है. 70 हजार लोगों की क्षमता वाली मस्जिद के मुख्य हॉल में एक बार में 25 हजार लोग आ सकते हैं. आपको बताते चलें कि दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद मक्का स्िथत 'मस्जिद अल-हरम' है.
क्या है खास
मस्जिद के आर्किटेक्ट नायर अली दादा ने दावा किया कि इसमें 21 गुंबद और 165 फीट की ऊंचाई वाली चार मीनारें हैं. यही वजह है कि इसे दुनिया की बड़ी मस्जिदों में से एक माना गया है. फिर भी पाकिस्तान आर्कियोलॉजिकल विभाग के शीर्ष आर्किटेक्ट बताते हैं कि अपने विशाल आकार के हिसाब से यह बादशाही और फैजल मस्जिद के बाद तीसरी मस्जिद है. इसने देश की खूबसूरती में चार चांद लगा दिये हैं. इसमें बादशाही और वजीर खान मस्जिद की ऐतिहासिक झलक दिखती है.
कई रंग के पत्थरों से बनी
आर्किटेक्ट के मुताबिक, इसमें बलुआ पत्थर की ईंटों का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा बाहर की ओर नारंगी रंग दिखाई देता है. इस तरह की रेत मुल्तान में पाई जाती है, जिससे यह पत्थर बना है. उन्होंने कहा कि पुराने कारीगरों की खोज की गई और उनसे जियोमैट्रिक और फूलों के आकृतियों वाले टाइल्स बनवाये. इस मस्जिद को बनवाने में करीब एक हजार मजदूर लगे थे, जिन्होंने तीन साल में इसे बनाकर तैयार किया. इस मस्जिद की 150 फीट की मीनारों में मुगलकालीन प्रभाव है. गुंबद के बीचोंबीच 8 बड़े विशाल झूमर लगाये गये हैं. मलिक रियाज के मुताबिक, इमारत की दूसरी मंजिल महिलाओं के लिये आरक्षित है. यह मंजिल लाहौर का होलमार्क होगी और मुस्लिम दुनिया में पाकिस्तान का प्रतीक साबित होगी.

Hindi News from World News Desk

 

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari