बिना फायर एनओसी चल रहे शहर के सैकड़ों कोचिंग सेंटर, सभी को कमाई की फिक्र, बच्चों की नहीं

- हादसों से नहीं लिया सबक, अवेयर करने पर भी कोचिंग सेंटर्स ने नहीं बनवाया एनओसी

- डीआईओएस-बीएसए ऑफिस से रजिस्टर्ड हैं कोचिंग सेंटर्स, लेकिन अफसर भी नहीं लेते एक्शन

यह भी जानें

-425 कोचिंग सेंटर हैं डिस्ट्रिक्ट में

-215 कोचिंग सेंटर शहर में चल रहे हैं

-210 सेंटर्स रूरल एरिया में हैं

बरेली : बोर्ड एग्जाम्स सिर पर हैं। ऐसे में बच्चे को टॉपर बनाने या कम्पटीशन की तैयारी के लिए आप किसी कोचिंग सेंटर में भेज रहे हैं, तो अलर्ट हो जाएं। डिस्ट्रिक्ट के किसी भी कोचिंग सेंटर के पास फायर बिग्रेड डिपार्टमेंट की एनओसी नहीं है। यह दावा फायर बिग्रेड डिपार्टमेंट के अफसरों का है। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

हादसे से भी नहीं लिया सबक

दो साल पहले डीएम आवास के सामने एक कोचिंग सेंटर में शॉर्ट सर्किट की वजह से भीषण आग लग गई थी, जिस कारण कई बच्चे बिल्डिंग में फंस गए थे। मशक्कत के बाद किसी तरह उन्हें सुरक्षित निकाला गया। इस हादसे के बाद भी कोचिंग सेंटर के मालिक फायर एनओसी का मजाक बना रहे हैं।

घनी आबादी में चल रहे सेंटर

डिस्ट्रिक्ट में 425 छोट-बडे़ कोचिंग सेंटर हैं। जबकि शहर के रिहाइशी इलाके राजेंद्रनगर, महानगर, रामपुर गार्डन, सिविल लाइन्स, मॉडल टाउन, वीर सावरकर नगर की घनी आबादी, ऊंची इमारतों में चल रहे 215 स्टडी सेंटर डीआईओएस और बीएसए ऑफिस से रजिस्टर्ड हैं। इन कोचिंग सेंटर के पास न फायर बिग्रेड डिपार्टमेंट की एनओसी है और न आग से निपटने के लिए इंतजाम। ऐसे में कोई हादसा हो जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा, प्रशासन या कोचिंग सेंटर मालिक?

किराए पर चल रहे सेंटर

डिस्ट्रिक्ट में ऐसे तमाम कोचिंग सेंटर हैं। जो इमारतों में किराए पर चल रहे हैं। कुछ प्राइवेट बिल्डिंग में भी हैं, जबकि नियमानुसार होटल, भवन, मैरिज हॉल, अपार्टमेंट समेत कमर्शियल बिल्डिंग के निर्माण के पहले फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट से एनओसी लेना जरूरी होता है, लेकिन हैरत है कि शहर के कुछ हॉस्पिटल, अपार्टमेंट, होटल को छोड़ दें, तो किसी के पास भी फायर एनओसी मिलनी मुश्किल है। डिस्ट्रिक्ट के फायर ऑफिसर ने भी माना है कि डिस्ट्रिक्ट में किसी भी कोचिंग सेंटर में फायर एनओसी नहीं है।

फायर सेफ्टी के भी इंतजाम नहीं

बिना फायर सेफ्टी के चल रहे कोचिंग सेंटर्स पर न तो फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट के अफसरों ने कभी एक्शन लिया और न एजुकेशन डिपार्टमेंट ने। थोड़ी भी सख्ती बरती जाती, तो कोचिंग सेंटर के मालिक फायर सेफ्टी करके रखते।

कई बार भेजी रिपोर्ट

फायर बिग्रेड डिपार्टमेंट ने जुलाई 2019 को डीआईओएस दफ्तर से रजिस्टर्ड शहर के कोचिंग सेंटर की लिस्ट मांगी थी। पड़ताल में पता चला कि किसी कोचिंग सेंटर के पास फायर एनओसी नहीं है। इसके बाद डिपार्टमेंट में कोचिंग सेंटर से सेफ्टी की अपील करते हुए उन्हें एनओसी लेने पर जोर दिया था। इसके बावजूद कोचिंग सेंटर संचालकों ने फायर बिग्रेड डिपार्टमेंट की अपील को दरकिनार कर दिया।

स्कूलों में चलाया जा रहा अभियान

हाल में भोजीपुरा के एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल रूम में हीटर की वजह से आग लग गई थी। हादसे में महिला डॉक्टर की जलकर मौत हो गई थी। इसके बाद फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट तमाम कॉलेज और स्कूल्स में फायर से बचने के लिए मॉक ड्रिल और कैंप आयोजित कर रहा है।

शहर में चल रहे कोचिंग सेंटर्स में फायर एनओसी नही है। अवेयर करने के बाद भी लोग एनओसी लेने से बचते हैं। अब अभियान के तहत स्टडी सेंटर पर कार्रवाई की जाएगी।

चंद्र मोहन शर्मा, सीएफओ

Posted By: Inextlive