13 द‍िसंबर 2001 का वो द‍िन आज भी भारतवास‍ियों को अंदर से ह‍िलाकर रख देता है। इसी द‍िन नई दिल्ली स्थित भारतीय लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ था। इसके ल‍िए आतंक‍ियों ने सफेद कार से संसद भवन में प्रवेश क‍िया था। इस आतंकी हमले में दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे। आइए आज हमले की 16वीं बरसी पर जानें आखि‍र क्‍यों आतंक‍ियों ने चुनी थी ये सफेद कार...


वायरलेस सेट पर एक आवाज गूंजी13 दिसंबर 2001 को लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सभाएं स्थगित हो चुकी थीं। ऐसे में इसके बाद कुछ सांसद तो चले गए लेकिन कुछ वहीं पर आपस में बाते करने लगे। इस दौरान किसी को भी अंदाजा नहीं था कुछ ही मिनटों बाद ये संसद भवन गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठेगा। करीब 11 बजकर 25 मिनट संसद भवन के गेट नंबर 11 पर सुरक्षा कर्मियों के वायरलेस सेट पर एक आवाज गूंजी। चारों दरवाजे एक साथ खुल जाते


खास बात तो यह है कि कार पर गृह मंत्रालय का एक स्टीकर भी लगा था। इस दौरान किसी को कुछ भी नहीं पता था कि इस गाड़ी में क्या है। एंबेस्डर कार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सभी आतंकी सेना की वर्दी पहने थे। चारों दरवाजे एक साथ खुलते हैं और गाड़ी में बैठे 5 फिदायीन हमलावर पलक झपकते ही बाहर निकलकर अंधाधुंध गोलियां बरसाने लगते हैं। पांचों आतंकी एके-47 से लैस थे। पांचों के पीठ और कंधे पर बैग थे। पांचों आतंकियों को मार गिराया

आतंकियों ने करीब 30-45  मिनट तक लगातार संसद भवन में गोलियां बरसाईं। इसके बाद आतंकी सुरक्षा कर्मियों पर अंधाधुंध गोलियां और हैंड ग्रेनेड फेकते हुए भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन जांबाज जवानों ने उनका प्लान फेल कर दिया। जवानों ने अपनी जान पर खेलकर सभी पांचों आतंकियों को मार गिराया था। वहीं इस आतंकी हमले में दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे।राम सेतु को लेकर अब अमेरिका ने भी दे दिए सबूत, भारतीयों को तो पहले से ही था इन बातों से यकीन

Posted By: Shweta Mishra