धर्मांधता पर जोरदार चोट करने वाली फिल्‍म 'पीके' अब खुद ही विवादों में फसती नजर आ रही है. फिल्‍म में आमिर खान धार्मिक संस्‍थानों को चंदा दिए जाने का पुरजोर विरोध करते नजर आते हैं. लेकिन असल जिंदगी में फिल्‍म निर्माताओं द्वारा धार्मिक संस्‍थाओं को चंदा देने की बात सामने आ रही है.


कितनी सच्ची कितनी झूठी है पीकेआमिर खान की लेटेस्ट फिल्म 'पीके' विवादों का रिकॉर्ड बनाती नजर आ रही है. फिल्म का देश के कई हिस्सों में हिंदु संगठनों और धर्मगुरुओं द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है. फिल्म के पोस्टर फाड़ने समेत सिनेमाहॉलों को नुकसान पहुंचाने जैसी घटनाएं देखी जा रही हैं. इस सब के बीच यूपी और एमपी में फिल्म को टैक्स-फ्री भी किया गया है. लेकिन 'पीके' को लेकर रोज नए विवाद जन्म ले रहे हैं. ताजा मामले में 'पीके' निर्माताओं के द्वारा फिल्म की शूटिंग के दौरान धार्मिक संस्थानों को चंदा देने की बात सामने आ रही है. जबकि फिल्म में 'पीके' को चर्च में पूजा की थाली ले जाते और नारियल फोड़ते हुए दिखाया गया है. मंदिर और चर्च ने मानी चंदे की बात
इस विवाद में सबसे महत्वपूर्ण पहलु यह है कि जिस मंदिर और चर्च को चंदे दिए जाने पर विवाद खड़ा है उस मंदिर और चर्च से जुड़े लोगों ने इस बात की पुष्टि की है. गौरतलब है कि चर्च में नारियल फोड़ने का सीन जयपुर के एक चर्च में फिल्माया गया है और चर्च के पादरी जेसी जोसफ ने स्वीकार किया है कि फिल्म यूनिट ने चर्च को 20 हजार रुपये का चंदा दिया था. इसके साथ ही राजकुमार हिरानी ने चर्च को मुंबई से एक बड़ा क्रॉस भी लाकर दिया था. इसके साथ ही काला राम मंदिर के ट्रस्टी पांडुरंग बोडके ने कहा कि मंदिर को 25 हजार दान में मिले थे. इसके साथ ही राजकुमार हिरानी के प्रवक्ता ने स्वीकार किया है कि 'पीके' की शूटिंग के टाइम पर चर्च और मंदिर को चंदा दिया गय था. इसके साथ ही जयपुर के एक शख्स ने फिल्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है जिसमें आमिर खान, राजकुमार हिरानी, विधुविनोद चोपड़ा और लीला सैमसन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

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Posted By: Prabha Punj Mishra