गणतंत्र दिवस पर क्यों आ रहे हैं ओबामा, जानें मोदी के न्योते का सच
चीन की ओर होगा इशारा
मोदी सरकार के इस कदम से आरएसएस भी खुश है. मोदी ने पीएम बनने के बाद नेपाल और म्यांमार के साथ संबंधों को विस्तार देने के प्रयास तेज किए हैं. ऐसे में अमेरिका को न्योता बेहद अहम हो जाता है, क्योंकि म्यांमार फिलहाल चीन के प्रभाव में है और अमेरिका वहां मजबूत लोकतंत्र स्थापित करने के लिए प्रयासरत है. मोदी के दिए न्योते पर आगामी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा विशेष अतिथि के रूप में भारत आ रहे हैं. उनकी इस यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंधों के सुधरने का संकेत तो मिलता ही है, साथ ही एशिया में शांति स्थिरता को लेकर भारत के पड़ोसी देशों को भी संदेश जाता है. संबंधों में एक लंबे ठहराव के बाद भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है. यह चीन के लिए एक संदेश है कि दोनों देशों के संबंधों में आई दरार अब धीरे धीरे खतम हो रही है. पाक को भी जाएगा संकेत
अमरीकी राष्ट्रपति के भारत आगमन से पाकिस्तान को भी संदेश जाएगा कि इस क्षेत्र में स्थिरता के लिए भारत और पाकिस्तान को मिलकर काम करना होगा. ओबामा की यह यात्रा कई संदेश देती है. अमेरिका अफ़गानिस्तान से अपनी फ़ौज हटाने की ओर कदम बढ़ा रहा है और इससे एक हलचल भरा माहौल पैदा होने की संभावना है. ओबामा इसीलिए आ रहे हैं कि भारत और के बीच जो कुछ अंतरराष्ट्रीय मुद्दे हैं उन पर प्रगति हो. इसलिए गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होना केवल एक सम्मान का मामला नहीं है, बल्कि भारत और अमेरिका मिलकर पूरे एशिया में स्थिरता को लेकर एक साथ काम करेंगे. उम्मीद की जा रही है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका की साझेदारी क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए बेहद अहम साबित होगी.