PM मोदी बोले 'व्हाट टू थिंक' नहीं अब 'हाऊ टू थिंक' पर फोकस, पढ़ें राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर उनका पहला भाषण
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित किया। इस दाैरान पीएम ने नई शिक्षा नीति पर अपनी बात रखते हुए कहा कि 3-4 वर्षों में व्यापक विचार-विमर्श और लाखों सुझावों पर विचार-विमर्श के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई। आज पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा हो रही है। विभिन्न क्षेत्रों और विचारधारा के लोग अपने विचार दे रहे हैं और नीति की समीक्षा कर रहे हैं। यह एक अच्छी बहस है। इसे जितना किया जाएगा, उतना ही यह देश की शिक्षा प्रणाली के लिए फायदेमंद होगा।
National Education Policy is being discussed across the nation today. People from different fields & ideologies are giving their views & reviewing the Policy. It's a healthy debate. The more it is done, the more it will be beneficial to the education system of the country: PM https://t.co/tCLy5FHTRJ
— ANI (@ANI)
यदि हमारी शिक्षा में कोई जुनून नहीं है, तो शिक्षा का कोई उद्देश्य नहीं है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की बड़ी संख्या में लोग तारीफ कर रहे हैं। हर देश अपनी शिक्षा प्रणाली को अपने राष्ट्रीय मूल्यों से जोड़कर और अपने राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुसार इसमें सुधार करके आगे बढ़ता है। इसका उद्देश्य अपनी वर्तमान और भावी पीढ़ियों को 'भविष्य के लिए तैयार' रखना है।पीएम ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमारी शिक्षा प्रणाली में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ। इसने हमारे समाज को जिज्ञासा और कल्पना के बजाय झुंड मानसिकता को प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित किया। इस तरह से देश के युवाओं का विकास नहीं हो सकात है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि यदि हमारी शिक्षा में कोई जुनून नहीं है, तो शिक्षा का कोई उद्देश्य नहीं है?
डिस्कशन बेस्ड और एनालिसिस बेस्ड तरीकों पर काफी जोर दिया जाए
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी तक जो हमारी शिक्षा व्यवस्था है, उसमें 'व्हाट टू थिंक' पर फोकस रहा है जबकि इस शिक्षा नीति में 'हाऊ टू थिंक' पर बल दिया जा रहा है। ये मैं इसलिए कह रहा हूं कि आज जिस दौर में हम हैं, वहां इन्फोर्मेशन और कंटेट की कोई कमी नहीं है। बदलते समय ने एक नई वैश्विक प्रणाली को जन्म दिया है। ये भी किया जाना बहुत जरूरी था. School Curriculum के 10+2 structure से आगे बढ़कर अब 5+3+3+4 curriculum का structure देना, इसी दिशा में एक अच्छा कदम है। अब कोशिश ये है कि बच्चों को सीखने के लिए इन्क्वायरी बेस्ड, डिस्कवरी बेस्ड, डिस्कशन बेस्ड और एनालिसिस बेस्ड तरीकों पर जोर दिया जाए।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्र शिक्षा और श्रम की गरिमा पर बहुत काम हुआ
पीएम मोदी ने कहा कि इससे बच्चों में सीखने की ललक बढ़ेगी और उनके क्लास में उनका पार्टिसिपेशन भी बढ़ेगा। इसके साथ ही कहा कि जब गांवों में जाएंगे, किसान को, श्रमिकों को, मजदूरों को काम करते देखेंगे, तभी तो उनके बारे में जान पाएंगे, उन्हें समझ पाएंगे, उनके श्रम का सम्मान करना सीख पाएंगे। इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्र शिक्षा और श्रम की गरिमा पर बहुत काम किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति सिर्फ सर्कुलर जारी करके, नोटिफाई करके लागू नहीं होगी। इसके लिए मन बनाना होगा, आप सभी को दृढ़ इच्छाशक्ति दिखानी होगी। भारत के वर्तमान और भविष्य को बनाने के लिए आपके लिए ये कार्य एक महायज्ञ की तरह है।