देश में नई शिक्षा नीति की घोषणा के बाद आयोजित कॉन्क्लेव में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विचार रखें। इस दाैरान पीएम ने कहा कि अभी तक जो हमारी शिक्षा व्यवस्था है उसमें 'व्हाट टू थिंक' पर फोकस रहा है जबकि इस शिक्षा नीति में 'हाऊ टू थिंक' पर बल दिया जा रहा है। यहां देखें पीएम के भाषण की खास बातें...

कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित किया। इस दाैरान पीएम ने नई शिक्षा नीति पर अपनी बात रखते हुए कहा कि 3-4 वर्षों में व्यापक विचार-विमर्श और लाखों सुझावों पर विचार-विमर्श के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई। आज पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा हो रही है। विभिन्न क्षेत्रों और विचारधारा के लोग अपने विचार दे रहे हैं और नीति की समीक्षा कर रहे हैं। यह एक अच्छी बहस है। इसे जितना किया जाएगा, उतना ही यह देश की शिक्षा प्रणाली के लिए फायदेमंद होगा।

National Education Policy is being discussed across the nation today. People from different fields & ideologies are giving their views & reviewing the Policy. It's a healthy debate. The more it is done, the more it will be beneficial to the education system of the country: PM https://t.co/tCLy5FHTRJ

— ANI (@ANI) August 7, 2020


यदि हमारी शिक्षा में कोई जुनून नहीं है, तो शिक्षा का कोई उद्देश्य नहीं है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की बड़ी संख्या में लोग तारीफ कर रहे हैं। हर देश अपनी शिक्षा प्रणाली को अपने राष्ट्रीय मूल्यों से जोड़कर और अपने राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुसार इसमें सुधार करके आगे बढ़ता है। इसका उद्देश्य अपनी वर्तमान और भावी पीढ़ियों को 'भविष्य के लिए तैयार' रखना है।पीएम ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमारी शिक्षा प्रणाली में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ। इसने हमारे समाज को जिज्ञासा और कल्पना के बजाय झुंड मानसिकता को प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित किया। इस तरह से देश के युवाओं का विकास नहीं हो सकात है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि यदि हमारी शिक्षा में कोई जुनून नहीं है, तो शिक्षा का कोई उद्देश्य नहीं है?

There were no major changes in our education system in past few yrs. It caused our society to encourage herd mentality, instead of curiosity & imagination. How can youth develop critical & innovative ability if there's no passion in our education, no purpose of education?: PM pic.twitter.com/miqlVebQvz

— ANI (@ANI) August 7, 2020


डिस्कशन बेस्ड और एनालिसिस बेस्ड तरीकों पर काफी जोर दिया जाए
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी तक जो हमारी शिक्षा व्यवस्था है, उसमें 'व्हाट टू थिंक' पर फोकस रहा है जबकि इस शिक्षा नीति में 'हाऊ टू थिंक' पर बल दिया जा रहा है। ये मैं इसलिए कह रहा हूं कि आज जिस दौर में हम हैं, वहां इन्फोर्मेशन और कंटेट की कोई कमी नहीं है। बदलते समय ने एक नई वैश्विक प्रणाली को जन्म दिया है। ये भी किया जाना बहुत जरूरी था. School Curriculum के 10+2 structure से आगे बढ़कर अब 5+3+3+4 curriculum का structure देना, इसी दिशा में एक अच्छा कदम है। अब कोशिश ये है कि बच्चों को सीखने के लिए इन्क्वायरी बेस्ड, डिस्कवरी बेस्ड, डिस्कशन बेस्ड और एनालिसिस बेस्ड तरीकों पर जोर दिया जाए।

Changing times has given rise to a new global system. A new global standard is rising. It was essential that India changed its education system as per this. Creating a 5+3+3+4 curriculum, while moving ahead from school curriculum's 10+2 structure, is a step in this direction: PM pic.twitter.com/jZDv6bHr3a

— ANI (@ANI) August 7, 2020


राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्र शिक्षा और श्रम की गरिमा पर बहुत काम हुआ
पीएम मोदी ने कहा कि इससे बच्चों में सीखने की ललक बढ़ेगी और उनके क्लास में उनका पार्टिसिपेशन भी बढ़ेगा। इसके साथ ही कहा कि जब गांवों में जाएंगे, किसान को, श्रमिकों को, मजदूरों को काम करते देखेंगे, तभी तो उनके बारे में जान पाएंगे, उन्हें समझ पाएंगे, उनके श्रम का सम्मान करना सीख पाएंगे। इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्र शिक्षा और श्रम की गरिमा पर बहुत काम किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति सिर्फ सर्कुलर जारी करके, नोटिफाई करके लागू नहीं होगी। इसके लिए मन बनाना होगा, आप सभी को दृढ़ इच्छाशक्ति दिखानी होगी। भारत के वर्तमान और भविष्य को बनाने के लिए आपके लिए ये कार्य एक महायज्ञ की तरह है।

Our education system focussed on 'What to think' so far. New policy emphasises on 'How to think'. There's no dearth of info & content in the time in which we're today. The effort is to lay emphasis on inquiry based, discovery based & analysis based ways to help children learn: PM pic.twitter.com/koNWAkLDGs

— ANI (@ANI) August 7, 2020

Posted By: Shweta Mishra