-बनारस प्रवास के दूसरे दिन श्रीलंका के पीएम पहुंचे अस्सी घाट, देखी गंगा आरती

-गंगा दर्शन के साथ ही मंत्रों के बीच विधि-विधान से किया पूजन

VARANASI

श्रीलंका के प्रधानमंत्री म¨हद्रा राजपक्षे ने सोमवार की सुबह अस्सी घाट से गंगा का अद्भुत, अलौकिक, मनोरम दृश्य देख अभिभूत हो गए। उन्होंने सुबह-ए-बनारस के बीच मां गंगा का दर्शन व विधि-विधान से पूजन किया। विभोर मन से बटुकों के मंत्रोच्चार में स्वर मिलाया और दोहराया। आरती की झांकी दर्शन से मंत्रमुग्ध नजर आए। अपने बनारस प्रवास के दूसरे दिन सुबह नौ बजे राजपक्षे अस्सी घाट पहुंचे थे। घाट की सीढि़यां उतरते ही लोकगीत केसरिया बालम पधारो म्हारे देश गूंज उठा। मंच पर जाने से पहले छात्राओं ने उनके माथे पर टीका लगाया और फूल बरसाए। गंगा का विशाल किनारा और घाट श्रृंखला को राजपक्षे अपलक निहारते रहे। दर्शन के बाद मां गंगा के षोडशोपचार पूजन में उन्होंने बटुकों के मंत्रोच्चार में स्वर मिलाकर मुरीद बनाया। वेद मंत्रों के बीच मां गंगा का जलाभिषेक कर श्रीलंका की सुख-समृद्धि के लिए कामना किया।

फोटो में कैद की खूबसूरती

बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ की नगरी में दर्शन-पूजन से अभिभूत श्रीलंका के प्रधानमंत्री म¨हद्रा राजपक्षे ने यहां की स्मृतियों को तस्वीरों में भी सुरक्षित किया। गंगा दर्शन-पूजन से खाली हुए तो मंच के पास बने पत्थर की बेंच पर बैठे और कैमरामैन को बड़े ही विनम्र भाव से फोटो क्लिक करने का इशारा किया। फोटो इस एंगल से लेने का संकेत किया, जिसमें वे मां गंगा के साथ दिखें। उनके भाव समझते ही फोटोग्राफर ने अलग-अलग कोण से गंगा व पीएम को कैमरे में कैद कर लिया। श्रीलंकाई पीएम के साथ आए सुरक्षाकर्मियों व अन्य संबंधियों ने अस्सी घाट, गंगा व आरती संग सेल्फी ली। इस दौरान राजपक्षे ने बच्चों के साथ भी फोटो खिंचवाए। श्रीलंकाई पीएम के आगमन के लिहाज से सुबह छह बजे से घाट पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद हो गई। सुरक्षाकर्मियों ने पीएम राजपक्षे की सीढि़यों से उतरने में भी मदद की। धर्मार्थ, संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ। नीलकंठ तिवारी व संस्था सुबह-ए-बनारस के उपाध्यक्ष प्रमोद मिश्रा ने माल्यार्पण कर स्वागत किया।

मोदी ने दी थी सलाह

संयोजकों का कहना है कि पीएम मोदी से बातचीत में उनकी सलाह पर श्रीलंका के पीएम म¨हद्रा राजपक्षे ने गंगा दर्शन व घाट घाट भ्रमण का प्लान बनाया। उन्होंने मां गंगा के साथ पूजन-अनुष्ठान विधान आदि को भी सराहा।

Posted By: Inextlive