जी हां अब कोई भी विदेशी प्राइवेट बैंक में जीरो बैलेंस खाता खोल सकेगा. विश्‍वास नहीं होता न पढि़ए ये खबर...


खोल सकते हैं जीरो बैलेंस खाताकमजोर तबके के लोग भी विदेशी बैंकों की भारतीय शाखाओं में जीरो बैलेंस खाता खोल सकते हैं. उन्हें भी इस खाते पर मुफ्त एटीएम कम डेबिट कार्ड की सुविधा देनी होगी. रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट (बीएसबीडीए) के दिशानिर्देश भारत में काम कर रहे सभी घरेलू और विदेशी वाणिज्यिक बैंकों पर लागू होते हैं.43 विदेशी बैंक काम कर रहे देश मेंदेश में फिलहाल एचएसबीसी, सिटीबैंक और स्टैंडर्ड चार्टर्ड जैसे 43 विदेशी बैंक काम कर रहे हैं. इन बैंकों के खाताधारकों को अपने खाते में मोटी रकम अनिवार्य रूप से रखनी होती है. रिजर्व बैंक ने कहा है कि इन बैंकों में खाता खोलने के लिए गरीबों को शुरुआती रकम रखने की कोई जरूरत नहीं है. सामान्य खाताधारकों की तरह ऐसे खाताधारकों को भी एटीएम कार्ड, चेकबुक जैसी सभी सुविधाएं देना उनके लिए अनिवार्य है.


उम्र और आमदनी जैसी पाबंदी न लगाएं

साथ ही इन बैंकों को सलाह दी है कि वे बीएसबीडीए के लिए उम्र और आमदनी जैसी कोई पाबंदी न लगाएं. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि ये खाताधारक उस बैंक में कोई दूसरा बचत खाता नहीं खोल सकेंगे. अगर उस बैंक में पहले से उनका कोई बचत खाता है तो बीएसबीडीए की सुविधा लेने के लिए उन्हें इसे 30 दिन के भीतर बंद करना होगा.

Posted By: Satyendra Kumar Singh