जब प्रणब दा को Shakespeare की याद आई
अपने काम की दुविधा की तुलना शेक्सपीयर के उपन्यास 'हेमलेट' में डेनमार्क के प्रिंस से करते हुए मुखर्जी ने कहा, "दयालु होने के लिए मुझे क्रूर बनना ही होगा."मुखर्जी के ऐसा कहते ही सदन में ठहाकों की आवाज गूंज पड़ी.
अपने काम की दुविधा की तुलना शेक्सपीयर के उपन्यास 'हेमलेट' में डेनमार्क के प्रिंस से करते हुए मुखर्जी ने कहा, "दयालु होने के लिए मुझे क्रूर बनना ही होगा."मुखर्जी के ऐसा कहते ही सदन में ठहाकों की आवाज गूंज पड़ी.