नोएडा में 14 साल की बच्‍ची आरुषि और नौकर हेमराज के मर्डर केस पर बनने वाली इस फ‍िल्‍म 'रहस्‍य' को कुछ समय पहले बनाने के लिये टाल दिया गया था. जैसा कि हम सब जानते हैं कि आरुषि के मां-बाप राजेश और नुपुर तलवार दोनों ही डॉक्‍टर हैं और दोनों पर उनकी बच्‍ची की हत्‍या करने का आरोप है. इन कुछ कारणों को लेकर तलवार दंपति ने इस मर्डर मिस्‍ट्री को लेकर फ‍िल्‍म बनाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी. नोएडा के इसी चर्चित आरुषि मर्डर केस से प्रभावित है ये फिल्म 'रहस्‍य'. फर्क सिर्फ इतना है कि यह मुंबई में घटने वाली कहानी है और अंत में इस मर्डर मिस्ट्री के हर एक तार पूरी तरह से सुलझ जाते हैं जो कि असल केस में अभी तक नहीं हो सका है.

कैसी है फ‍िल्‍म की पटकथा  
फ‍िल्‍म में आयशा महाजन मुंबई के एक डॉक्‍टर दंपति की बेटी हैं. ये डॉक्‍टर दंपति हैं आयशा के पिता डॉक्‍टर सचिन महाजन (आशीष विद्यार्थी) और मां आरती महाजन (टिस्‍का चोपड़ा). एक रात आयशा का मर्डर हो जाता है. उसी रात डॉक्‍टर का नया नौकर घर से गायब हो जाता है. मर्डर केस में चल रही पुलिसिया जांच में शक की सुई आयशा के पिता डॉक्टर सचिन महाजन पर टिक जाती है. उसे जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया जाता है, लेकिन उसके बाद जांच सीबीआई अफसर सुनील पारस्कर (केके मेनन) के पास पहुंचती है. वह नये सिरे से केस को गहराई के साथ जांचता है और आखिर में जब रहस्य खुलता है, तो दर्शकों के तमाम अंदाजों को करारा झटका लगता है.
Rahasya
U/A; Crime thriller
Cast: Kay Kay Menon, Ashish Vidyarthi, Tisca Chopra, Mita Vashisht, Ashwini Kalsekar
Director: Manish Gupta


क्‍लाइमेक्‍स है फ‍िल्‍म की खासियत  
फ‍िल्‍म की सबसे बड़ी खासियत है इसका क्लाइमेक्स. अमूमन मर्डर मिस्ट्री देखते हुए हम मिलने वाले सभी संकेतों के आधार पर अपने-अपने तर्कों से संदिग्ध हत्यारे को चुन लेते हैं और फिर मन ही मन उसके इर्द गिर्द थ्योरी गढ़ने लगते हैं. यहां पर ये सारी कवायद उलझी हुई लगती हैं. बात करें फ‍िल्‍म में किरदारों की तो इसमें कुछ किरदार वही घिसे हुये से लगते हैं. खासतौर पर वो इंस्‍पेक्‍टर जो मामले की छानबीन कर रहा होता है. इसके साथ ही फ‍िल्‍म में कुछ स्‍पष्‍ट कमियां भी नजर आईं हैं. फ‍िल्‍म की कास्‍टिंग बहुत अच्‍छी है. ओवरऑल हर एक्‍टर का परफॉर्मेंस ठीक रहा.
बंधे रहे दर्शक दो घंटे रहस्‍यों के साथ
फ‍िल्‍म में सीबीआई अफसर बने केके मेनन का काम भी उम्‍दा रहा. ये काम और भी बेहतर हो सकता था अगर वो करमचंद जासूस की तर्ज पर गाजर की जगह दिमाग को तेज करने के लिये घड़ी-घड़ी अखरोट न खा रहे होते तो. आयशा की मां के किरदार में टिस्का चोपड़ा भी बेहतरीन रहीं. नर्स रेमी के रोल में अश्विनी कलसेकर ने भी उम्दा काम किया है. डायरेक्‍टर मनीष गुप्‍ता पूरी फ‍िल्‍म में दर्शकों के मन में डबल मर्डर मिस्‍ट्री को लेकर जिज्ञासा बनाये रखने में कामयाब हुये हैं. दर्शकों ने दो घंटे की इस मूवी को बेहतरीन थ्रिल के साथ काफी इंज्‍वाय किया.

Courtesy by Mid Day

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