मुंबई के कामा अस्पातल में स्थानीय चिकित्सा अधिकारी आरएमओ के तौर पर काम करने वाले स्वप्निल सरसे के भाई रविंद्र वाबले ने जब केंद्रीय रेलवे से आरटीआइ आवेदन कर अपने भाई का आरक्षण व यात्रा ब्योरा मांगा तो अधिकारियों ने दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए 85 हजार रुपये मांगे. दरअसल मई में नाशिक के नजदीक रेलवे ट्रैक पर स्वप्निल को संदिग्ध हालात में मृत पाया गया था.


एक पेज के लिए एक हजारवाबले को रेलवे की ओर से मिले पत्र में आरक्षण चार्ट के प्रति पन्ने का शुल्क एक हजार रुपये मांगा गया है, जबकि उन्हें कुल 85 पन्ने चाहिए. बावले के आवेदन पर केंद्रीय रेलवे के मुख्य वाणिज्य प्रबंधक एमए कांबले ने कहा है कि डिमांड ड्राफ्ट या अकाउंट ऑफिसर, सेंट्रल रेलवे, मुंबई सीएसटी के नाम पर बैंकर्स चेक द्वारा 81 हजार रुपये भुगतान करने के बाद उन्हें आरक्षण चार्ट का ब्योरा उपलब्ध करा दिया जाएगा.एक पेज के लिए पांच रुपये तक शुल्क
हालांकि, आरटीआइ कार्यकर्ताओं का कहना है कि कानून के मुताबिक आवेदक द्वारा मांगे गए किसी भी दस्तावेज के लिए प्रति पन्ना दो से पांच रुपये ही वसूले जा सकते हैं. बावले ने बताया कि उनके भाई स्वप्निल 26 मई को नाशिक लौट रहे थे. अगली सुबह उनके घर पहुंचने की उम्मीद थी. इस बीच लसलगांव पुलिस ने बताया कि ट्रेन से गिरकर उनकी मौत हो गई है. वहां पहुंचने पर पता चला कि उनकी दोनों किडनी गायब थीं. उनके स्मार्टफोन का सिम और मेमोरी कार्ड भी चुरा लिया गया था. Report by: Salil Urunkar (Mid Day)

Posted By: Satyendra Kumar Singh